डेयरी के मिल्क पाउडर में मिला डिटर्जेंट, फर्म के मालिक पर लगा एक लाख रुपए का जुर्माना
70 लाख के मिल्क पाउडर नष्ट करने कोर्ट के आदेश का इंतजार
बुलंदशहर। परम डेयरी के स्किम्ड मिल्क पाउडर में डिटर्जेंट मिलने पर कोर्ट ने फर्म संचालक पर 1 लाख का जुर्माना लगाया है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने करीब 4 साल पहले सैंपल लिया था। दो प्रयोगशालाओं की जांच में मिल्क पाउडर में डिटर्जेंट मिलने की पुष्टि हुई थी। अब 70 लाख रुपये के मिल्क पाउडर को नष्ट कराने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।बता दें कि नवंबर 2020 में तत्कालीन मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी कुंवर मनोज कुमार को सूचना मिली थी कि खुर्जा रोड स्थित परम डेयरी में मिलावटी 400 कट्टा स्किम्ड मिल्क पाउडर तैयार किया गया है। सूचना पर मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी की टीम ने मौके पर पहुंचकर मिल्क पाउडर का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। साथ ही करीब 70 लाख रुपये की कीमत के 400 कट्टा स्किम्ड मिल्क पाउडर को सीज कर दिया था। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई के बाद डेयरी संचालक ने विभिन्न स्थानों पर शिकायत भी की लेकिन कार्रवाई नियमानुसार पाई गई। दिसंबर 2020 में लखनऊ स्थित प्रयोगशाला से मिल्क पाउडर की रिपोर्ट असुरक्षित आई थी। जांच के दौरान पता चला था कि पाउडर में डिटर्जेंट मिलाया गया था। परम डेयरी के संचालक द्वारा रिपोर्ट को गलत बताते हुए उच्च प्रयोगशाला में जांच की मांग की गई थी। जिस पर कोलकाता स्थित प्रयोगशाला में मिल्क पाउडर का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था। कोलकाता की लैब से भी जांच में पाउडर में डिटर्जेंट मिला होने की पुष्टि हुई और लैब से सैंपल को असुरक्षित घोषित किया गया था। दोनों प्रयोगशाला से जांच रिपोर्ट आने के बाद सितंबर 2021 में खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने एसीजेएम खुर्जा की कोर्ट में वाद दायर किया था। करीब तीन साल तक वाद चलने के बाद अब दो सप्ताह पहले आयोजित लोक अदालत में वाद का निस्तारण किया गया। इस दौरान परम डेयरी के संचालक अजय निवासी यमुनापुरम ने कोर्ट में जुर्म स्वीकार किया कि उनके खिलाफ मुकदमा सही चलाया गया। अपर जज मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सुमित चौधरी की कोर्ट ने अजय सिंह को न्यायालय के उठने तक के कारावास से दंडित करते हुए परम डेयरी फर्म और अजय पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।