असत्य पर सत्य की जीत के उत्सव को श्री राम विजयादशमी के रूप में आयोजित करें: पुरन्दर मिश्रा

रायपुर। उक्ताशय की जानकारी देते हुए रायपुर उत्तर विधायक पुरन्दर मिश्रा ने बताया कि परम्परानुसार कालांतर से यह रीत चली आई है कि हिन्दू कैलेण्डर अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। जिसे असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है परन्तु यह उत्सव रावण के वध का नहीं वरन् भगवान श्री राम जी के लंका विजय कर अयोध्या आगमन के उत्साह में मनाया जाता है। इस हेतु इस वर्ष दशहरा पर्व को रावण दहन न करके श्री राम विजयादशमी के रूप में आयोजित करेंगे जैसे कि आप सबको विदित है कि वर्षों के बाद अयोध्या में हम सबके आराध्य भगवान रामलला जी के भव्य राम मंदिर की स्थापना हुई है। इस उत्साह को भव्यता देने एवं दशहरा पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत स्वरूप भगवान श्री रामचंद्र जी के अयोध्या आगमन की खुशी में मनाएंगे।
श्री मिश्रा ने बताया की राजधानी रायपुर के डब्लू आर एस स्थित इस दशहरा मैदान में विगत 55 वर्षो से यह दशहरा उत्सव आयोजित किया जा रहा है और इस वर्ष भी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ भव्य रूप से महामहिम राज्यपाल महोदय, माननीय मुख्यमंत्री एवं समस्त मंत्रीगण, सासंद, विधायकगण एवं आयोग/मंडल के अध्यक्ष, आयोजन समिति, स्थानीय जनप्रतिनिधियों की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न होगा। उक्त पर्व का मुख्य उद्देश्य बुराई से अच्छाई पर जीत हेतु रावण के स्वरूप का दहन कर समाज को एक संदेश देना है कि बुराई कितनी भी महान क्यों ना हो सत्य को पराजित नही कर सकती एवं एक दीन उसका अंत सुनिश्चित है।
साथ ही उन्होने उक्त प्रेसवार्ता में इस बात पर जोर दिया कि प्रत्येक सनातनी को शास्त्रों में उल्लेखित विधि विधान के अनुसार ही पर्वों और उत्सव को मनाना चाहिए और इस दिन को प्रभु श्री राम जी का विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए और प्रभु राम के जीवन से संदेशों को आत्मसात कर अपने जीवनकाल में बुराई के रास्ते को त्याग कर प्रभु श्री चन्द्र जी के राह को पनाना चाहिए ।