कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद
राजस्थान के उदयपुर में हुई कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में विहिप, बजरंग दल और भाजपा के छत्तीसगढ़ बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. शहरों में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं.
दयपुर में हुई कन्हैया लाल की निर्मम हत्या के विरोध में छत्तीसगढ़ बंद का असर देखने को मिला. रायपुर, कोरबा, बिलासपुर की ज्यादातर दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. सुबह से ही विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने सड़क पर निकल गए. जहां-जहां दुकानें खुली दिखी वहां बंद कराया गया. छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी बंद को अपना समर्थन दिया है.
रायपुर शहर में बंद का असर देखने को मिला. गोल बाजार, सदर बाजार, जयस्तंभ चौक, एमजी रोड, मालवीय रोड की सभी दुकानें बंद रही. जिन लोगों ने दुकानें बंद नहीं की. वहां विहिप, बजरंग दल और भाजपा के कार्यकर्ता पहुंच गए और बहस और नारेबाजी कर दुकानों को बंद कराया. शहर बंद करवाने निकले भाजपा के जिलाध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा "रायपुर शहर में सुबह से होटल , गुमटी, दुकानें, पेट्रोल पंप बंद के साथ स्कूल और कॉलेज भी बंद है. देश में जिस तरह से एक विशेष समुदाय के लोग हमारे हिंदू समाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं. हमने उसके खिलाफ में छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है. रायपुर राजधानी के साथ पूरा छत्तीसगढ़ बंद है "
कोरबा में भी सुबह से ही हिंदूवादी संगठन के साथ भाजपा नेता शहर के दुकानों को बंद कराने निकले. शहर के मुख्य चौक चौराहों पर दुकानें बंद रहीं. कुछ दुकानदारों से बंद का समर्थन मांगा गया. इस दौरान हिंदूवादी नेताओं की दुकानदारों से झड़प भी हुई. कोरबा शहर में निहारिका, कोसाबाड़ी से लेकर पुराने शहर की ज्यादातर दुकानें बंद रही. शहर में बंद का असर देखने को मिला है. हालांकि उपनगरीय क्षेत्रों में दुकानें जरूर खुली रहीं. पूरे शहर में पुलिस बल की भी बड़े पैमाने पर तैनाती की गई है.
शहर बंद कराने निकले विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष नीतीश डालमिया ने कहा कि "छत्तीसगढ़ बंद के इस ऐलान पर पूरा प्रदेश हमारे साथ खड़ा है. कन्हैया लाल की निर्मम हत्या तालिबानी तरीके से की गई. घटना का वीडियो भी बनाया गया, आखिर वह क्या दिखाना चाहते हैं? कि हिंदू डर जाएंगे? देश का हिंदू किसी भी सूरत में डरा हुआ नहीं है. हमारे पूर्वज लीडर थे इसलिए हम ने धर्म परिवर्तन नहीं किया है. देश का हिंदू ना कभी डरा है ना कभी डरेगा"
छत्तीसगढ़ बंद का असर बिलासपुर में भी दिखा. आवश्यक और अति आवश्यक सामग्री की दुकानों को छोड़कर व्यापारिक संगठनों ने खुद ही अपने संस्थान बंद किए. हालांकि कुछ जगहों पर दुकानें खुली रही. इस दौरान किसी तरह की अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली.
उदयपुर की घटना को लेकर भाजपा सहित हिन्दूवादी संगठनों के छत्तीसगढ़ बंद के आह्वान का दुर्ग भिलाई में व्यापक असर देखने को मिला. ट्विन सिटी के सभी बाजार सुबह से ही बंद रहे. बंद को सफल बनाने के लिए सुबह से ही बजरंग दल, विश्व हिन्दू परिषद्, भाजपा सहित श्रीराम जन्मोत्सव समिति के लोग दुकानों को बंद कराने घूमते रहे. खास बात यह है कि इस बार पेट्रोल पंपों को भी बंद कराया गया. दुकानदारों ने खुद अपनी दुकानों को बंद रखा और छत्तीसगढ़ बंद का समर्थन किया. दुर्ग सांसद विजय बघेल ने भी बंद का समर्थन करते हुए इसे सफल बनाने की अपील की.