छत्तीसगढ़ को 100 प्रतिशत टुटा हुआ गैर बासमती चावल का 50 प्रतिशत निर्यात कोटा आबंटित करने पीयूष गोयल से मिले बृजमोहन
रायपुर/नई दिल्ली/ 03/04/2023/ छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आज नई दिल्ली में वाणिज्य उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की और उनसे छत्तीसगढ़ को 100 प्रतिशत टुटा हुआ गैर बासमती चावल का 50 प्रतिशत निर्यात कोटा आबंटित करने का आग्रह किया। इस मुलाकात के दौरान सांसद सुनील सोनी भी साथ मौजूद रहे।
अपने मुलाकात के दौरान बृजमोहन अग्रवाल ने श्री गोयल को बताया कि नीति आयोग की हाल के रिपोर्ट के अनुसार गैर बासमती चावल के निर्यात में छत्तीसगढ़ 21वें स्थान पर है। भारत सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में छत्तीसगढ़ राज्य में खरीफ चावल के 34.75 लाख हेक्टेयर में कृषि होना दर्ज किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.32 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता है। आईबीईएफ रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 80 प्रतिशत रोजागर कृषि पर निर्भर है तथा राज्य में 37.46 लाख कृषक परिवार हैं। इनमें से 80 प्रतिशत किसान लघु व सीमांत कृषक हैं। राज्य के किसानों की आय फसल के मूल्य पर निर्भर है, जो गैर बासमती चावल निर्यात से काफी प्रभावित है।
बृजमोहन ने कहा कि पिछले वर्ष भारत से 100 प्रतिशत टुटे हुए गैर बासमती चावल के निर्यात में 50 प्रतिशत योगदान अकेले छत्तीसगढ़ का रहा है। पर्याप्त धान उत्पादन के कारण छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। इस प्रकार देश के लिए विदेशी मुद्रा भण्डारण में छत्तीसगढ़ का अहम योगदान है।
भारत सरकार ने 100 प्रतिशत टुटे चावल के निर्यात पर 8 सितम्बर 2022 से प्रतिबंध लगा दिया है। निर्यातकों ने प्रतिबंध के पूर्व से ही अनुबंध हस्ताक्षर कर चुके थे कुछ ने तो हस्ताक्षरित अनुबंध के आधार पर ईसीजीसी कवर प्राप्त कर लिया है, परंतु प्रतिबंध के कारण चावल निर्यात व्यापार जटिल हो गया है। भारत सरकार द्वारा हाल ही में आयात करने वाले देशों की सिफारिश पर कुछ कम्पनियों को वस्तु निर्यात के लिए कोटा जारी किया गया है।
उन्होंने चावल निर्यात पर छत्तीसगढ़ के योगदान को दृष्टिगत रखते हुए भारत के 100 प्रतिशत टुटे चावल निर्यात की अनुमति देने तथा 100 प्रतिशत टुटे चावल निर्यात में भविष्य के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 50 प्रतिशत निर्यात कोटा जारी करने का आग्रह किया है।