दिल्ली से रायपुर तक सियासी पारा गर्म, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में कई बदलाव, भूपेश को यह भूमिका
छत्तीसगढ़ से लगातार कांग्रेस विधायकों की दिल्ली दरबार में हाजिरी बढ़ती जा रही है. इससे छत्तीसगढ़ का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. दिल्ली में लगातार बढ़ रही छत्तीसगढ़ी कांग्रेस विधायकों की आमद ने रायपुर से लेकर दिल्ली तक में अस्थिरता का माहौल पैदा कर दिया है. इससे मीडिया में सत्ता परिवर्तन की खबरों को और बल मिल रहा है.
24 घंटे पहले तक ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि तीन दिन पहले दिल्ली पहुंचे विधायक शुक्रवार देर शाम तक छत्तीसगढ़ लौट आएंगे लेकिन लौटने के बजाय और भी विधायक दिल्ली पहुंचने लगे. अब तक 35 विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं.
ऐसे में रायपुर के राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री के बदलाव की खबरें चर्चा में हैं. हालांकि सीएम बघेल ने भी पंजाब और छत्तीसगढ़ की स्थिति को अलग बताया और विधायकों के दिल्ली दौरे को तूल नहीं देने की बात कही है. जबकि पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि अब कका और बाबा के बीच चल रही कुर्सी की लड़ाई को राहुल गांधी को समाप्त करा देनी चाहिए.
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव
कांग्रेस ने शनिवार को अपनी छत्तीसगढ़ इकाई में बदलाव करते हुए कई नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक गिरीश देवांगन के स्थान पर अरूण सिंघानिया, अटल श्रीवास्तव की जगह पी आर खूंटे, भानू प्रताप सिंह के स्थान पर अंबिका मकराम और पदम मनहार की जगह वाणी राव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष बनाया गया है.
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रही चर्चा के बीच बघेल की इस नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से लगातार चर्चा है कि मुख्यमंत्री पद ढाई-ढाई वर्ष तक बघेल और फिर राज्य के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को देने की बात हुई थी. ऐसे में बघेल समर्थक कई विधायक बुधवार को दिल्ली पहुंचे हैं
यूपी विधानसभा के लिए चुनाव पर्यवेक्षक बने बघेल