रायपुर में छग संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने भूपेश बघेल पर लगाए बड़े आरोप
रायपुर में छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने चार सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को सीएम निवास घेरने की कोशिश की. लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि भूपेश सरकार ने 2018 विधानसभा चुनाव जीतने पर 10 दिनों के अंदर नियमित करने का वादा किया था. लेकिन उन्होंने वादाखिलाफी की. 4 साल होने वाले है लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया गया. उनका कहना है कि नियमितिकरण करने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.
राजधानी रायपुर में 1 सितंबर से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ अपनी 4 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे हैं. चार सूत्रीय मांगों में नियमितकरण, छंटनी रोकने, ठेका प्रथा खत्म करने और अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक करने की मांग है. अपनी इन्हीं मांगों को लेकर सोमवार को संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने रैली निकाली और मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले. हालांकि इसी दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रायपुर के स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया. जिसके बाद प्रदर्शनकारी स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास ही बैठ गए. लगभग 2 घंटे तक वहीं बैठकर प्रदर्शन करने लगे. प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों के साथ ही सरकार विरोधी नारे भी लगाए. कर्मचारी महासंघ का कहना है कि जब तक उन्हें नियमित नहीं किया जाएगा तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.
संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया "सरकार ने चुनाव से पहले 10 दिनों में नियमितीकरण करने का वादा अनियमित कर्मचारियों से किया था लेकिन सरकार बने लगभग 4 साल बीतने को है बावजूद इसके उन्हें नियमित नहीं किया गया है. जिसके कारण हमें सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है. आज के इस मुख्यमंत्री निवास घेराव के कार्यक्रम में संयुक्त अनियमित कर्मचारियों की संख्या लगभग 5 हजार के आसपास हैं. "
राजधानी के बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गुरुवार से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर के अनियमित कर्मचारी 4 सूत्रीय मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. छत्तीसगढ़ के शासकीय विभाग निगम, मंडल, आयोग, स्वायत्तशासी निकायों में अनियमित कर्मचारी अधिकारी (संविदा) इनकी संख्या 36000 है. दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रम आयुक्त दर, अस्थायी श्रमिकों की संख्या 18000 है. प्लेसमेंट के जरिए काम करने वालों को संख्या 32400 है. मानदेय पर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या 12600 है. अंशकालिक कर्मचारियों की संख्या 54,000 हैं. ठेका पर काम करने वालों की संख्या 27000 हैं.
अनियमित कर्मचारियों की 4 सूत्रीय मांग
- अनियमित कर्मचारियों अधिकारियों को नियमित किया जाए
- पिछले कुछ सालों में निकाले और छंटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल किया जाए और छंटनी पर रोक लगाई जाए
- शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा को खत्म किया जाए
- अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालिक किया जाए