महीनेभर में दुष्कर्म के 2 आरोपियों को मौत की सजा
छत्तीसगढ़ क्राइम का गढ़ बनता जा रहा है. इसमें अब कहीं भी कोई शक वाली बात नहीं है. आए दिन बच्चियों, किशोरियों और महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न की खबरें इसकी गवाही दे रहे हैं. हालांकि राहत की बात ये भी है कि दोषियों को कठोर सजा भी सुनाई जा रही है. शुक्रवार को राजनांदगांव जिला कोर्ट ने 7 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई है. महीने भर में ही ये दूसरी घटना है. इससे पहले रायपुर की विशेष अदालत ने साल 2019 में 8 साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म के मामले में आरोपी को जीवन की अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई थी.
छत्तीसगढ़ में दिनोंदिन बलात्कार की घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं. एक के बाद एक बढ़ती घटनाओं को देखते हुए प्रदेश में महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. छत्तीसगढ़ में एक जनवरी 2020 से चार जुलाई 2021 के बीच दुराचार और गैंगरेप की 6674 घटनाएं हुई हैं. यह जानकारी खुद गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने मानसून सत्र में विधानसभा में दी थी. भाजपा विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी के एक प्रश्न के लिखित जवाब में गृहमंत्री साहू ने यह जानकारी दी.
विधानसभा से मिले आंकड़ों से साफ जाहिर होता है कि प्रदेश में हर महीने करीब 370 बलात्कार और गैंगरेप की घटना हो रही हैं. इस तरह सूबे में प्रतिदिन करीब 12 बलात्कार और गैंगरेप की घटना सामने आ रही हैं.3717 मामलों में पीड़िता नाबालिग ही है. रायपुर में सबसे ज्यादा बलात्कार और गैंग रेप की घटनाएं प्रदेश में बढ़ते बलात्कार की घटनाओं के बीच सबसे ज्यादा घटना रायपुर में देखने को मिली हैं. सबसे ज्यादा 713 मामले रायपुर जिले के ही हैं.
रायपुर की विशेष अदालत (Special Court of Raipur) ने साल 2019 में आठ साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म (Eight Year Old Girl Raped) के मामले में एक व्यक्ति को जीवन की अंतिम सांस तक कारावास की सजा सुनाई थी. इसकी जानकारी एक अधिकारी ने दी. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (I) फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (पोक्सो) रायपुर शुभ्रा पचौरी ने गुरुवार को मो हुसैन उर्फ सलीम (40 वर्ष) को धारा 376 एबी (12 साल से कम उम्र की बच्ची से दुष्कर्म) के तहत दोषी ठहराते हुए उसे स्वाभाविक मृत्यु तक कारावास की सजा सुनाई थी.