देश के सबसे स्वच्छ शहर में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत

देश के सबसे स्वच्छ शहर में दूषित पानी पीने से 8 लोगों की मौत

 देश का सबसे साफ शहर कहलाने वाला इंदौर इन दिनों गंभीर जल संकट और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों से घिर गया है। शहर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी पीने से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है, जबकि एक अधिकारी की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।

मौतों के आंकड़ों को लेकर अलग-अलग दावे
भागीरथपुरा पुलिस चौकी क्षेत्र के भागीरथपुर इलाके में बीते एक सप्ताह के भीतर कई लोग बीमार पड़े, जिनमें से 8 लोगों की मौत होने की बात स्थानीय लोग कर रहे हैं। हालांकि शासन स्तर पर अभी तक केवल तीन मौतों की आधिकारिक पुष्टि की गई है। वहीं महापौर ने 7 मौतों को स्वीकार किया है, जिससे प्रशासनिक आंकड़ों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

इन लोगों की हुई मौत
शासन द्वारा जिन तीन मौतों की पुष्टि की गई है, उनमें नंदराम, उर्मिला और ताराबाई कोरी शामिल हैं। इसके अलावा जिन अन्य लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है, उनमें गोमती रावत, उमा कोरी और संतोष बिगोलिया के नाम शामिल हैं। एक सप्ताह के भीतर मृतकों की संख्या 8 तक पहुंचने से इलाके में दहशत का माहौल है।

पाइपलाइन लीक होने से हुआ पानी दूषित
नगर निगम प्रशासन के अनुसार भागीरथपुरा क्षेत्र में मुख्य पानी की पाइपलाइन में एक स्थान पर लिकेज पाया गया है। बताया जा रहा है कि लीक पाइपलाइन के ऊपर शौचालय बना हुआ है, जिससे पीने का पानी दूषित हो गया। नगर आयुक्त दिलीप कुमार ने आशंका जताई है कि इसी कारण पानी में गंदगी और संक्रमण फैला, जिसे पीने से लोग बीमार पड़े।

मुख्यमंत्री की सख्त कार्रवाई
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस घटना को बेहद गंभीर मानते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि जोन क्रमांक 4 के संबंधित जोनल अधिकारी, सहायक यंत्री एवं प्रभारी सहायक यंत्री (PHE) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। वहीं प्रभारी उपयंत्री (PHE) को सेवा से पृथक कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति भी गठित की गई है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मृतकों के परिजनों को मुआवजा
मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारों को 2-2 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। साथ ही बीमार लोगों के इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। अधिकारियों को स्थिति पर लगातार नजर रखने और प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

घटना के बाद इलाके में जल आपूर्ति व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं और लोगों में नगर निगम के प्रति गहरा आक्रोश देखा जा रहा है।