रेल आरक्षण सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन हुई

रेल आरक्षण सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन हुई

रेलवे ने यात्री गाड़ियों के लिए आरक्षण कराने की अधिकतम सीमा 120 दिन से घटाकर फिर से 60 दिन कर दी है। रेल मंत्रालय में इस आशय का आदेश बुधवार को जारी किया गया। आदेश में कहा गया है कि यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक एक नवंबर से ट्रेनों द्वारा अग्रिम आरक्षण की मौजूदा समय सीमा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन (यात्रा की तिथि को छोड़कर) कर दी जाएगी, हालाँकि, 120 दिनों के 31 अक्टूबर तक की गई सभी बुकिंग बरकरार रहेंगी।

दिनांक एक नवंबर से, एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) 60 दिनों (यात्रा के दिन को छोड़कर) की होगी और बुकिंग उसी के अनुसार की जाएगी। तथापि, 60 दिनों की एआरपी के बाद की गई बुकिंग को रद्द करने की अनुमति होगी। ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां वर्तमान में अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा।

सूत्रों के अनुसार एआरपी को 60 दिन करने का फैसला इसलिए लिया गया है ताकि अनुरक्षण कार्य के लिए प्लानिंग में आसानी होगी। 120 दिन के एआरपी में यात्री कम और दलाल ज्यादा बुकिंग करते हैं। इस दौरान अक्सर देखा गया है कि यात्री यात्रा नहीं करते हैं और टिकट रद्द करना भूल जाते हैं। इससे जरूरतमंद यात्रियों को सीटें उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। सूत्रों ने कहा कि पहले एआरपी 60 दिन का ही था। इसको 120 दिन करने का फैसला 31 मई 2020 को किया गया था।