छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र: दूसरे दिन नकली शराब पर हंगामा, सिंहदेव के इस्तीफे का मुद्दा भी गूंजा
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन शराब में मिलावट का मुद्दा गूंजा. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के मुद्दे पर भी हंगामा बरपा. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने केंद्र की योजना को लेकर राज्य सरकार को घेरा. भाजपा ने सदन से वॉक आउट भी किया.
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने पूछा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत साल 2019-20 से 2022-23 तक कितने आवास स्वीकृत हुए. कितने आवास का काम पूरा हो गया. उन्होंने केंद्र सरकार से आए पत्रों का बंडल लहराते हुए कहा कि किसी पत्राचार का जवाब तक नहीं दिया गया. 35 हजार आवास अबतक पूरे नहीं हो पाए हैं. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट भी कि
छत्तीसगढ़ विधानसभा में शराब में पानी मिलाकर बेचे जाने का मुद्दा भी उठा. नारायण चंदेल के सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने सदन को दिए अपने जवाब में स्वीकार किया कि ''शराब में पानी मिलाने की शिकायत मिली थी. इसके खिलाफ कार्रवाई की गई है.'' लेकिन, वे अजय चंद्राकर के पूरक सवाल का जवाब नहीं दे पाए कि शराब में पानी की जांच का क्या तरीका है.
सदन में शराब में पानी मिलाने के सवाल पर करीब 20 मिनट सवाल-जवाब चला. नारायण चंदेल से सत्ता पक्ष के विधायक पूछने लगे आपको इसका कैसे अनुभव है कि पानी मिलाया जा रहा है. चंदेल ने इस सवाल पर मुस्कुराते हुए कहा कि ''होली में हमसे कुछ लोग मिलने आए थे. उन्होंने कहा कि शराब पीने के बाद आजकल चढ़ती नहीं है.''
इस बीच रविंद्र चौबे ने कहा कि '' विपक्ष के लोग शराब के प्रश्न पर इतना मदमस्त क्यों हो गए हैं. उन्होंने चुटकी ली कि ''शराब की गुणवत्ता को परखने का कोई सिस्टम नहीं है. इससे समझ जाना चाहिए कि अगर पीने के बाद कोई अंग्रेजी बोलने लगे तो समझो कि ओरिजनल है. ''