असम में बाढ़ से हालत हुई बेकाबू अब तक 18 मौतें और 7 लाख लोग प्रभावित, दिन-रात ऑपरेशन में जुटी रेस्क्यू टीम
असम में बाढ़ से लोगों का जीवन पिछले कई दिनों से अस्त-व्यस्त हो गया है। असम में शनिवार (21 मई) को बाढ़ से चार और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मृतकों की संख्या 18 हो गई।
गुवाहाटी : असम में बाढ़ से लोगों का जीवन पिछले कई दिनों से अस्त-व्यस्त हो गया है। असम में शनिवार (21 मई) को बाढ़ से चार और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मृतकों की संख्या 18 हो गई।
वहीं असम में बाढ़ के पानी से राज्य के 31 जिले प्रभावित हैं। असम के हर जिले में बाढ़ प्रभावित गांवों में बचान अभियान जारी है। होजई जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में अब तक 500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। एनडीआरएफ इंस्पेक्टर महीप मौर्य ने कहा, ऑपरेशन के लिए कई टीमें तैनात हमने अब तक 500 से अधिक लोगों को बचाया है। कई लोग अपना घर नहीं छोड़ना चाहते थे इसलिए हमने उन्हें राहत और राशन सामग्री दी।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने कहा कि हालांकि आपदा से प्रभावित लोगों की संख्या मामूली घटकर 6,80,118 लाख रह गई। लेकिन शुक्रवार को प्रभावित आबादी की संख्या 7,11,905 और जिले की 29 थी।
एएसडीएमए बुलेटिन के अनुसार, नगांव 3.39 लाख लोगों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित जिला रहा, इसके बाद कछार 1.77 लाख और होजई 70,233 हैं। बाढ़ प्रभावित 74,907 लोगों ने 282 राहत शिविरों में शरण ली है, जबकि अन्य 214 राहत वितरण केंद्र संचालित हैं।
बचाव और राहत कार्यों में सेना, अर्धसैनिक बल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, प्रशिक्षित स्वयंसेवकों और विभिन्न एजेंसियों को तैनात किया गया। भारतीय वायु सेना ने नागरिकों को निकाला और बचाव दल और राहत सामग्री को असम में बाढ़ के कारण कटे हुए क्षेत्रों में पहुंचाया है। प्रभावित जिलों में शामिल दीमा हसाओ के मुख्यालय हाफलोंग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पहाड़ी जिले के सभी हिस्सों में संचार चैनल बहाल करने के प्रयास जारी हैं।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में विभिन्न स्थानों पर जलभराव और भूस्खलन के कारण, 11 जोड़ी ट्रेनें रद्द कर दी गईं और पांच जोड़ी ट्रेनें शॉर्ट टर्मिनेट या शॉर्ट ओरिनेट हुईं।
विभिन्न स्थानों पर पटरियों के क्षतिग्रस्त होने और भूस्खलन के कारण पहाड़ी खंड में ट्रेन सेवाएं एक सप्ताह से अधिक समय से निलंबित हैं। एएसडीएमए बुलेटिन में कहा गया है कि प्रभावित क्षेत्रों के सभी हिस्सों से तटबंधों, सड़कों, पुलों, घरों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान की खबरें आ रही हैं।