प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान

प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ में कहा – अंबिकापुर नगर निगम के प्लास्टिक मुक्त संकल्प से बदली शहर की तस्वीर

प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान
प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान
प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान
प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन देने वाली अनोखी पहल ‘गार्बेज कैफे’ को देशभर में मिली पहचान

रायपुर, 26 अक्टूबर 2025।  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम की अनूठी पहल ‘गार्बेज कैफे’ की सराहना की है। इस कैफे में प्लास्टिक कचरे के बदले भोजन दिया जाता है, जिससे शहर को प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में उल्लेखनीय सफलता मिली है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अंबिकापुर नगर निगम के प्लास्टिक मुक्त संकल्प ने शहर की तस्वीर बदल दी है। उन्होंने इस पहल को स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सामाजिक संवेदना का प्रेरक उदाहरण बताया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के नवाचारों और माओवाद उन्मूलन के संकल्प का उल्लेख होना प्रदेशवासियों के लिए गौरव की बात है। उन्होंने राजधानी रायपुर के शांति नगर में ‘मन की बात’ के 127वें संस्करण का श्रवण किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अंबिकापुर के गार्बेज कैफे का ज़िक्र कर छत्तीसगढ़ की स्वच्छता और नवाचार की भावना को राष्ट्रीय पहचान दिलाई है। यह पहल जनभागीदारी, पर्यावरण संरक्षण और संवेदनशील प्रशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने देश में त्योहारों की रौनक, सामाजिक एकता के प्रतीक छठ पर्व, और नए आत्मविश्वास से आगे बढ़ते भारत की भावना का उल्लेख किया। उन्होंने माओवादी गतिविधियों के सिमटते प्रभाव पर भी गर्व व्यक्त किया और कहा कि डबल इंजन सरकार के मजबूत संकल्प से शांति और सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय परिणाम मिल रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में भारतीय नस्ल के श्वानों की दक्षता का उदाहरण देते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र में एक देशी श्वान ने 8 किलो विस्फोटक का पता लगाकर जवानों की जान बचाई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह स्थानीय नस्लों की विश्वसनीयता और क्षमता का प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान का उल्लेख करते हुए पर्यावरण संरक्षण को जनआंदोलन का रूप देने की अपील की। उन्होंने ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूर्ण होने पर इसे उत्सव की तरह मनाने का आह्वान किया और भगवान बिरसा मुंडा के योगदान को नमन किया।

‘मन की बात’ कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री श्री साय ने पुंगनूर नस्ल की गायों को चारा खिलाया और उनकी विशेषताओं की जानकारी ली। यह नस्ल अपनी अनूठी बनावट और उपयोगी गुणों के लिए प्रसिद्ध है।

इस अवसर पर विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के अध्यक्ष श्री राजीव अग्रवाल, माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, तथा अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा सहित अनेक जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।