अवैध शिकार; वन्य प्राणियों को मारने के लिए तालाब में लगाया था करंट, चीतल के साथ शिकारी की भी मौत
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वन्य प्राणियों का शिकार करने करने के लिए बिजली तार बिछाया था, जिसकी चपेट में आकर वह खुद करंट का शिकार हो गया
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वन्य प्राणियों का शिकार करने करने के लिए बिजली तार बिछाया था, जिसकी चपेट में आकर वह खुद करंट का शिकार हो गया। करंट की चपेट में आकर एक चीतल की भी मौत हुई है। इस घटना के बाद शिकारी के तीन अन्य साथी उसकी लाश और चीतल को छोड़कर भाग गए। पुलिस ने उसके साथियों पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना सीपत थाना क्षेत्र की है।
तालाब से निकाला गया चीतल और शिकारी का शव।
सीपत क्षेत्र के कनई गांव से लगा हुआ जंगल है, जहां चीतल सहित अन्य वन्य प्राणी तालाब में पानी पीने के लिए आते हैं। गांव के ही रूप सिंह गोंड़ शनिवार रात कोरबार के हरदीबाजार के सिल्ली निवासी अपने साथी बीरबल कुमार पोर्ते, लोटनापारा जयंती नगर के जनक नाई और कनई निवासी महिपाल सिंह मरावी के साथ जंगली जानवरों का शिकार करने लिए गया था। चारों शिकारी जंगल के बीच सतीमुड़ा तालाब के पास पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बिजली के खंभे से कनेक्शन लेकर तालाब के पानी में डाल दिया। तालाब में जब पानी पीने के लिए चीतल आया तो करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।
चीतल को पकड़ने के चक्कर में गई जान
करंट की चपेट में आकर मरे चीतल को पकड़कर लाने के चक्कर में रूप सिंह भी वहां पहुंच गया। वह पानी में उतर कर चीतल को पकड़ने लगा, जिससे वह भी करंट की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी भी मौत हो गई। उसके करंट की चपेट में आने के बाद उसके साथी घबरा गए और उसे छोड़कर भाग निकले। गांव के संजय नाम का युवक सुबह तालाब की ओर गया। तब उसने रूप सिंह और चीतल के शव को देखा। पुलिस ने मामले में मृतक के साथी शिकारियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या व विद्युत अधिनियम के तहत केस दर्ज कर तीन आरोपी बीरबल कुमार पोर्ते, जनक नाई और महिपाल सिंह मरावी को गिरफ्तार कर लिया है।