मलेरिया से पांचवीं की छात्रा की मौत, बाढ़ के कारण समय पर नहीं पहुंच सकी थी स्वास्थ्य विभाग की टीम
गरियाबंद। गरियाबंद जिले के ग्राम जरंडी धवलपुर में मलेरिया से पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची की मौत हो गई। इसकी जानकारी लोगों ने जिला मलेरिया अधिकारी मनमोहन ठाकुर और स्वास्थ्य विभाग को दी है। गुरुवार को यहां बोट के सहारे स्वास्थ्य विभाग की टीम और जिला मलेरिया अधिकारी पहुंचे हैं और गांव में कैंप लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक, तहसील मुख्यालय मैनपुर से महज 16 किलोमीटर दूर गरियाबंद विकासखंड के अंतिम छोर पर बसे गांव जरन्डी धवलपुर में पिछले 4-5 दिनों से मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। मितानिन घर-घर जाकर दवाएं भी बांट रही है। लेकिन इसी बीच 5वीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा कशिल्या ओंटी (11 वर्ष) की तबियत ज्यादा बिगड़ गई। वो 4 दिन पहले जांच में मलेरिया पॉजिटिव पाई गई थी। उसे दवा भी दी गई थी, लेकिन 1 अगस्त को उसकी हालत अधिक बिगड़ गई।
परिजनों और गांववालों ने बच्ची को जिला अस्पताल ले जाने की पूरी कोशिश की, लेकिन बाकड़ी नदी में भारी बाढ़ के चलते उसे पार नहीं सके। इलाज के अभाव में बच्ची ने दम तोड़ दिया। उसके परिवार के अन्य सदस्य भी मलेरिया से पीड़ित बताए जा रहे हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बुधवार को जिला मलेरिया अधिकारी मनमोहन ठाकुर और स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्राम जरन्डी धवलपुर के पास पहुंचे, लेकिन बाकड़ी नदी में भारी उफान और बाढ़ के चलते वे गांव में नहीं पहुंच पाए। गुरुवार को टीम नाव के सहारे गांव में पहुंची है और यहां हेल्थ कैंप लगाया गया है।
मलेरिया अधिकारी मनमोहन ठाकुर ने बताया कि नदी में बाढ़ होने के चलते स्वास्थ्य अमला गांव में नहीं पहुंच पाया था, हालांकि मोबाइल के माध्यम से वे लगातार ग्रामीणों के संपर्क में बने हुए थे। उन्होंने बताया कि जिन गांवों में टीम नहीं जा पा रही, वहां भी फोन पर ग्रामीणों को दवा बताया जा रहा है। मितानिनों के जरिए घर-घर में दवाई बंटवाई भी जा रही है। साथ ही गांववालों को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।सरपंच बिन्देश्वरी ठाकुर और सरपंच प्रतिनिधि लोकेश ठाकुर ने बताया कि गांव में मलेरिया फैला हुआ है, लेकिन नदी में बाढ़ होने के कारण अस्पताल नहीं ले जा सकने की वजह से बच्ची की मौत हो गई।