परम श्रद्धेय हीरा लाल कौशिक जी (गुरुजी) को विनम्र श्रद्धांजलि
शिक्षा क्रांति के जनक, समाज के पितामह एक अध्याय का अंत, छत्तीसगढ़ बिलासपुर के ग्राम अमसेना निवासी श्रद्धेय स्व. हीरा लाल कौशिक जी (गुरुजी) का जाना सम्पूर्ण मानव समाज के लिए अपूरणीय छती है। परम श्रद्धेय हीरा लाल कौशिक जी (गुरुजी) अपने जीवन के 90 बरस पूर्ण कर सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा में समर्पित किये थे। अपने जीवन काल मे स्वयं के पूंजी से स्कूल बनाकर समाज मे शिक्षा का ज्योत जलाना और अपने जीवन का हर क्षण समाज सेवा में समर्पण करना भी इतिहास है। अविभाजित मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने का श्रेय परम श्रद्धेय हीरा लाल कौशिक जी को है। ऐसे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले परम श्रद्धेय हीरा लाल कौशिक जी (गुरुजी) को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते है।