66 बटुकों का उपनयन संस्कार हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न
रायपुर। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज रायपुर द्वारा प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी बसंत पंचमी के सुअवसर पर 66 बटुकों का निःशुल्क सर्व ब्राह्मण सामूहिक उपनयन संस्कार सम्पन्न कराया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा अर्चना से किया गया। अध्यक्ष अरुण शुक्ल, सचिव सुरेश मिश्र एवं संयोजक शशिकांत मिश्र के निर्देशन में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। उपनयन संस्कार वरिष्ठ आचार्य एवं उनके 11 सहयोगी पंडितों की उपस्थिति में वैदिक रीति रिवाज से वेदिया बनाकर, पूजा, पाठ एवं हवन कर सम्पन्न कराया गया इसके साथ ही उन्हें जनेऊ धारण करवाने के पश्चात् बटुकों को पालनीय नियमों की जानकारी दी गई। कान्यकुब्ज महिला मंडल द्वारा मंडपाच्छादन, हरिद्रालेपन, मातृका पूजन एवं मुंडन, बरूआ खिलाई का कार्य सम्पन्न कराया गया तथा उनके द्वारा परम्परा अनुसार सुमधुर मंगल गीतों का गायन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में रायपुर उत्तर विधानसभा के विधायक माननीय श्री पुरन्दर मिश्र जी एवं श्री कान्यकुब्ज हितकारिणी ब्राह्मण सभा देवास मध्य प्रदेश के अध्यक्ष धर्मेन्द्र मिश्र जी सम्मिलित हुए। उन्होंने सभी उपस्थित बटुकों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। बटुकों के परिवार व समाज के लोगों ने शगुन के रूप में भीखी प्रदान कर बटुकों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। समाज द्वारा बटुकों को उपहार प्रदान किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी बटुकों का धूमधाम से बैण्ड बाजा के साथ शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें बटुकों के सैकड़ों परिजनों के साथ समाज के लोगों सहित नृत्य करते हुए अपना उत्साह प्रकट किया। इस कार्यक्रम में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष डाॅ. सुरेश शुक्ल, पुष्टिकर समाज के सचिव मनीष व्यास, बिलासपुर से सुदेश दुबे, एवं समाज के वरिष्ठ दीपक दुबे, राघवेन्द्र मिश्र, निशा अवस्थी, संतोष दुबे, गौरव शुक्ल, रज्जन अग्निहोत्री, प्रकाश अवस्थी, राजकुमार अवस्थी, चन्द्रभूषण बाजपेयी, राजेन्द्र मिश्र, विजय शुक्ल, सुशील तिवारी, चन्द्रिका शंकर बाजपेयी, साजेन्द्र पाण्डेय, सुशील तिवारी, देवेन्द्र पाठक प्रशांत तिवारी, प्रभात पाण्डेय, सुधा शुक्ला, गीता मिश्रा, नीता अवस्थी, ममता मिश्रा, अर्चना मिश्रा, आरती मिश्रा, सुनयना शुक्ला, शशि शुक्ला सीके, शर्मिला शुक्ला, प्रीति मिश्रा, अभिलाषा तिवारी, राधा तिवारी, निशा पाण्डेय, रोशनी शुक्ला, शकुंतला तिवारी, रेखा त्रिवेदी, कीर्ति अग्निहोत्री, प्रेमलता त्रिवेदी, एन.एल. शुक्ल एवं मोहन दुबे का विशेष योगदान रहा।