रामनवमी के दिन खुला हाई कोर्ट, याचिकाकर्ता छात्रा को मिली राहत
हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा की याचिका पर सुनवाई के लिए रामनवमी के दिन हाई खुला। डीविजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने छात्रा के करियर को ध्यान में रखते हुये छात्रा को यूनिवर्सिटी प्रबंधन के समक्ष पुनः आवेदन करने निर्देश दिए। वहीं कुलपति से उस आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने कहा है। मालूम हो किहिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में 18 अप्रैल गुरुवार से मुख्य परीक्षा शुरू हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने अवकाश के दिन कोर्ट खोलने व मामले की सुनवाई के निर्देश दिया।
हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर की एक छात्रा बीते वर्ष नकल करती पकड़ी गई थी। इस मामले में जांच कमेटी ने कड़ाई दिखाते हुते नकल करने वाले विषय की परीक्षा रद कर दी थी और उस पर एक साल तक परीक्षा में बैठने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
इस मामले में यूनिवर्सिटी प्रबंधन से राहत नहीं मिलने पर छात्रा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मामले की सुनवाई के बाद सिंगल बेंच में याचिका खारिज जर दी थी। सिंगल बेंच के फैसलेको चुनोती देते हुए छात्रा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से डिवीजन बेंच में अपील की। रामनवमी की छुट्टी होने के बावजूद जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास व जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल जे डीविजन बेंच में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्टनर याचिकाकर्ताछात्रा को राहत देते हुए यूनिवर्सिटी प्रबंधन के समक्ष पुनः आवेदन करने कहा। कुलपति से उस आवेदन पर सहानुभूति पूर्वक निर्णय लेने कहा है। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में 18 अप्रैल से मुख्य परीक्षा शुरू हो रही है। दिल्ली की वरशुन भान मिस्कीन यहां अंतिम सेमेस्टर में पढ़ाई कर रहीं हैं। बीते साल दो मई 2023 को लॉ ऑफ एविडेंस की परीक्षा के दौरान छात्रा नकल करती हुई पकड़ी गई थी। इसके बाद उन्हें नोटिस देकर 18 मई 2023 को जांच कमेटी के सामने पेश होने कहा गया था।जांच कमेटी ने फैसला किया कि नकल करने वाले विषय की परीक्षा रद की जाए।
कमेटी ने छात्रा पर एक साल तक परीक्षा में बैठने पर भी प्रतिबंध लगा दिया। इसके बाद छात्रा ने ई मेल के जरिए परीक्षा नियंत्रक व कुलपति से मामले में राहत देने की अपील की लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इस पर कोई पहल नहीं की। तब छात्रा ने हाई कोर्ट का रूख किया। सिंगल बेंच ने मामले की सुनवाई करते हुए 16 अप्रैल 2024 को याचिका खारिज कर दी।
छात्रा ने डिवीजन बेंच में अपील की गई। इस पर रामनवमी के दिन छुट्टी होने के बावजूद सुनवाई हुई। डिवीजन बेंच ने छात्रा के हक में फैसला तो नहीं दिया लेकिन यूनिवर्सिटी प्रबंधन से उसके आवेदन पर सहानुभूति जताने की बात कही है।