46 साल बाद खुलेगा पुरी जगन्नाथ मंदिर का प्राचीन खजाना, विषैले सांप करते हैं रखवाली
46 साल बाद आज पुरी जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोलने का मुहूर्त तय किया गया है। खजाना खोलने से पहले यहां पर सांपों की मौजूदगी की आशंका के चलते स्नेक हेल्पलाइन के साथ ही मेडिकल टीम भी मौके पर तैनात की गई है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन के अनुसार मंदिर का रत्न भंडार खोलने के बाद जेवरातों व कीमती चीजों की एक लिस्ट बनाई जाएगी।
गौरतबल है कि ओडिशा सरकार जगन्नाथ मंदिर के खजाने यानी रत्न भंडार को आज 46 साल बाद एक बार फिर खोलने जा रही है। इस खजाने में मौजूद जेवरात और अन्य कीमती सामानों की सूची तैयार होगी। कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि दुनियाभर में रह रहे भगवान जगन्नाथ के भक्तों को काफी समय से इस पल का इंतजार था। आभूषणों की क्वालिटी की जांच होगी और कीमती सामानों का वजन किया जाएगा। इस खजाने को लेकर मेडिकल टीम अलर्ट है, क्योंकि यहां सांपों की मौजूदगी बताई जा रही है।
बता दें कि खजाने के कीमती सामानों की सूची की निगरानी के लिए राज्य सरकार ने समिति बनाई है। इस समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति बिश्वनाथ रथ ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर का रत्न भंडार आज दोपहर 1.28 बजे फिर से खोला जाएगा। ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि जिस स्थान पर कीमती सामान अस्थायी रूप से रखा जाएगा, वह भी तय कर लिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार पुरी जगन्नाथ मंदिर में स्नेक एक्सपर्ट तैयार हैं। मंदिर के रत्न भंडार का अंदरूनी हिस्से का ताला खोलने की तैयारियां चल रही हैं। खजाने रखने के लिए बड़े ट्रंक बॉक्स लाए गए हैं। मंदिर में मौके पर एसपी पिनाक मिश्रा पुलिस बल के साथ मौजूद हैं। पुजारी माधव पूजा पंडा सामंत भी मौजूद हैं।
खजाने के आभूषणों की डिजिटल फोटोग्राफी कराई जाएगी। मंत्री ने कहा कि जेवरात की सूची को लेकर पारदर्शिता रखने के लिए हम आरबीआई की मदद ले रहे हैं। आरबीआई के प्रतिनिधि सूची बनाए जाने के दौरान मौजूद रहेंगे। इसके लिए प्रबंध समिति द्वारा गठित टीम के साथ काम करेंगे। हर कार्य के लिए अलग टीमें हैं।
रत्न भंडार के लिए एसजेटीए मुख्य प्रशासक के नेतृत्व में एक विशेषज्ञ टीम बनाई गई है। इनमें एएसआई, सेवकों, प्रबंध समिति और हाई पावर कमेटी के प्रतिनिधियों को विशेषज्ञ पैनल के सदस्यों के रूप में शामिल किया गया है। मंदिर का खजाना आज शुभ मुहूर्त में खोला जाएगा।
सबसे पहले पुरी जिला प्रशासन के पास मौजूद डुप्लिकेट चाबी के साथ खजाना खोलने की कोशिश की जाएगी। कानून मंत्री ने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में ताला तोड़ा जाएगा। पिछली बार इन्वेंट्री प्रक्रिया को पूरा करने में 70 दिन से अधिक का समय लगा था। उन्होंने कहा कि इस बार तकनीक की मदद से कम समय में यह काम पूरा करने की कोशिश की जाएगी। पुरी में जस्टिस रथ ने कहा कि एक मेडिकल टीम, हेल्पलाइन के सदस्य और ताला तोड़ने वाला ग्रुप स्टैंडबाय पर है।