8वें वेतन आयोग को लेकर बढ़ी उम्मीदें, जनवरी से बढ़ेगा वेतन या करना होगा इंतजार?
करीब 49 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और लगभग 65 लाख पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। साल के अंत में सातवें वेतन आयोग का दौर खत्म होने वाला है और ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या 1 जनवरी से नया वेतनमान लागू होगा या कर्मचारियों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
सातवें वेतन आयोग के लागू हुए लगभग नौ साल पूरे हो चुके हैं और अब इसके केवल कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में चर्चाएं तेज हैं कि सरकार नए साल से 8वां वेतन आयोग लागू कर सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई अंतिम और स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है।
क्या है केंद्रीय वेतन आयोग?
केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) केंद्र सरकार द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय होता है, जो सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्तों और पेंशन की समीक्षा करता है। इसका उद्देश्य वेतन संरचना को निष्पक्ष, तर्कसंगत और महंगाई व आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप बनाए रखना होता है। आमतौर पर हर 10 साल में नए वेतन आयोग का गठन किया जाता है।
फिटमेंट फैक्टर की अहम भूमिका
वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर अहम भूमिका निभाता है। यह एक गुणक होता है, जिसके जरिए पुराने मूल वेतन को नए वेतनमान में बदला जाता है। सातवें वेतन आयोग में यह फैक्टर 2.57 था, यानी पुराने वेतन का 2.57 गुना नया मूल वेतन तय किया गया था। 8वें वेतन आयोग में इसे बढ़ाकर करीब 2.86 किए जाने की संभावना जताई जा रही है।
क्यों जरूरी है 8वां वेतन आयोग?
सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2025 में समाप्त हो रहा है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही संकेत दे चुके हैं कि 8वें वेतन आयोग का गठन जनवरी 2026 तक हो सकता है। इसके लागू होने से लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को सीधा लाभ मिलेगा।
सरकार का क्या कहना है?
8 दिसंबर 2025 को संसद में इस मुद्दे को उठाया गया था। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब में बताया कि 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का गठन हो चुका है और इसके कार्यक्षेत्र (टीओआर) को 3 नवंबर 2025 को अधिसूचित कर दिया गया है। हालांकि, इसके लागू होने की सटीक समयसीमा को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है।
सातवें वेतन आयोग में क्या बदला था?
सातवें वेतन आयोग का गठन 2014 में हुआ था और इसकी सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू की गई थीं। उस समय 196 भत्तों की समीक्षा की गई थी, जिनमें से 52 भत्ते समाप्त किए गए और 36 भत्तों को अन्य भत्तों में मिला दिया गया था। सरकार ने अधिकतर सिफारिशों को स्वीकार किया था।
किन भत्तों पर पड़ सकता है असर?
हालांकि अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अनुमान है कि यात्रा भत्ता, विशेष कर्तव्य भत्ता, छोटे क्षेत्रीय भत्ते और कुछ विभागीय भत्तों में बदलाव या कटौती हो सकती है। पुराने लिपिकीय या टाइपिंग भत्ते जैसे भत्ते भी खत्म किए जा सकते हैं।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी की उम्मीद?
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर न्यूनतम मूल वेतन में अच्छी बढ़ोतरी की संभावना है। अनुमान है कि यह ₹34,500 से ₹41,000 प्रति माह के बीच हो सकता है। साथ ही महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए) और परिवहन भत्ता (टीए) की भी नई सिरे से समीक्षा हो सकती है। सरकार प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन देने पर भी विचार कर सकती है।
फिलहाल केंद्रीय कर्मचारियों की निगाहें सरकार के अगले फैसले पर टिकी हैं। नए साल में वेतन बढ़ेगा या नहीं, इसका जवाब आने वाले दिनों में साफ होने की उम्मीद है।



