कार से बाहर आते ओडिशा के मंत्री के सीने पर पुलिसकर्मी ने दागी गोली, कैमरे में कैद हुई वारदात
ब्रजराजनगर शहर में अपराह्न करीब एक बजे के आसपास उस समय हुई, जब दास एक बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे.
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास को रविवार को एक पुलिसकर्मी ने गोली मार दी. जब उन्हें गोली मारी गई तब वो नाबा दास ब्रजराजनगर के गांधी चौक पर एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे. घटना के ठीक पहले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि दास जैसे ही कार से निकलने लगे तो उन्हें काफी करीब से गोली मारी गई. हालांकि इस वीडियो में हमलावर नहीं दिख रहा है. वीडियो में समर्थकों के नारेबाजी के बीच गोली चलने की तेज आवाज सुनी जा सकती है. साथ ही नाबा दास को अपने सीने को पकड़कर सीट पर गिरते हुए भी देखा जा सकता है.
एक अन्य वीडियो क्लिप में देखा गया है कि दास के सीने से खून बह रहा है और लोग घायल मंत्री को उठाने की कोशिश कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री को कार की आगे की सीट पर लिटा दिया गया है.बताते चलें कि ओडिशा के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री नाबा किशोर दास को रविवार को झारसुगुड़ा जिले में एक सहायक पुलिस उप-निरीक्षक ने गोली मार दी.
अधिकारी ने बताया कि यह घटना जिले के ब्रजराजनगर शहर में अपराह्न करीब एक बजे के आसपास उस समय हुई, जब दास एक बैठक में शामिल होने के लिए जा रहे थे. ब्रजराजनगर के एसडीपीओ गुप्तेश्वर भोई ने संवाददाताओं को बताया, “सहायक पुलिस उपनिरीक्षक (एएसआई) गोपाल दास ने मंत्री पर गोली चला दी. घटना में मंत्री घायल हुए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है.”
परिवार कल्याण मंत्री और बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता नाबा दास पर जानलेवा हमले ने सभी को चौंका दिया है. अचानक हुई इस घटना ने प्रशासन और पुलिस को सकते में डाल दिया है. हमला करने वाले आरोपी ASI ने अभी तक इस संगीन कदम के पीछे का कारण नहीं बताया है. पुलिस ने आरोपी से लगातार पूछताछ कर रही है. जख्मी नाबा दास की हालत गंभीर बनी हुई है. मामले में आरोपी ASI की पत्नी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है.
आरोपी ASI गोपाल दास की पत्नी जयंती दास से जब पति के बारे में पूछा गया तो वह अवाक रह गई. उसने कहा कि मुझे तो पता नहीं था. मीडिया के माध्यम से मुझे पता चला कि ऐसा कुछ हो गया है. क्या हुआ था? वो ऐसा क्यों किये? मुझे तो कुछ भी पता नहीं था. सुबह से उनके साथ बात भी नहीं हुई थी. जयंती ने बताया कि आरोपी गोपाल दास ने सुबह अपनी बेटी को वीडियो कॉल किया था. थोड़ी देर बात करने के बाद दूसरी कॉल आने की बात कहकर फोन काट दिया था. फिर उसके बाद यह खबर आई. जयंती ने कहा कि उसकी गोपाल से ऐसी कोई बात नहीं हुई थी कि जिससे इस हमले का अंदाजा लग सके.
जयंती ने फिर यह बताया कि गोपाल पहले बिलकुल ठीक था. लेकिन उनका दिमाग थोड़ा सा खराब था. वो मेडिसिन ले रहे थे. 7/8 साल से वो मेडिसिन ले रहे थे. 4/5 महीने पहले घर आये थे. सब कुछ नॉर्मल था. जयंती की इन बातों पर ध्यान दिया जाए तो गोपाल दास के मानसिक स्वास्थ्य पर भी सवालिया निशान खड़े होते हैं. ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि क्या मानसिक दिक्कतों की वजह से गोपाल ने यह हमला किया?
आरोपी ASI ने इस घटना को तब अंजाम दिया जब स्वास्थ्य मंत्री नाबा दास एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांधी चौक पर अपनी कार से बाहर निकल रहे थे. गोपाल दास ने उन्हें एकदम से गोली मार दी, जिससे वह मौके पर ही गंभीर रूप से घायल हो गए. उप-विभागीय पुलिस अधिकारी गुप्तेश्वर भोई ने कहा कि गोलियां उनके सीने में बाईं ओर लगीं. एएसआई की रिवाल्वर से निकली कुछ गोलियों के लगने से पास में खड़ा एक अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गया.