दुर्ग जिला अस्पतालों के डॉक्टरों ने हाई रिस्क प्रसव करा कर जच्चा एवं बच्चा दोनो की बचाई जान
मरीजों के इलाज और उनकी जान बचाने मे जिला चिकित्सालय दुर्ग अब रोज हासिल करता जा रहा है नए आयाम
दुर्ग। जिला चिकित्सालय में अपनी डिलीवरी के लिए आई एक मरीज दामिनी देशमुख पति श्री प्रकाश देशमुख, जो कि झाला दुर्ग की रहने वाली हैं। जो पेट में दर्द, सिर में दर्द एवं धुंधला दिखना आदि समस्याओं से परेशान थी उन्हें झटका (कन्वल्शन) भी आ रहा था।
लेबर रूम में जांच में पता चला कि ब्रेन में सूजन होने के कारण पेशेंट का ब्लड प्रेशर 200/120 है। झटका आने की वजह से बच्चे की धड़कन भी कम होने लगी थी। इसीलिए डॉक्टर बीआर साहू ने तुरंत ऑपरेशन करने की सलाह दी ताकि बच्चे एवं मां की जान बचाई जा सके। पेशेंट को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कराया गया एवं वहां पर एनेस्थीसिया स्पेशलिस्ट डॉक्टर संजय बाल वांदरे ने पेशेंट को बेहोश करके तुरंत ऑपरेशन करवाया। ऑपरेशन के बाद बच्चे की जान बचा ली गई एवं मां को 24 घंटे के लिए वेंटिलेटर पर आईसीयू में डॉ अनिल विवेक सिन्हा के निगरानी में रखा गया।
डॉ. अनिल विवेक सिन्हा ने बताया कि पहले 24 घंटे ऐसे मरीजों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं। लेकिन सही समय पर सही इलाज मिल जाने से मरीज की जान भी बचाई जा सकती है। 24 घंटे के बाद पेशेंट को वेंटिलेटर से हटा दिया गया और सिंपल ऑक्सीजन मास्क के माध्यम से कंटीन्यूअस ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। यह ऑपरेशन 19 जनवरी को किया गया था अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। जिला चिकित्सालय के प्रमुख डॉक्टर वाई के शर्मा ने बताया कि अच्छी टीम, सही ताल मेल एवं सब के समन्वय से यह उपलब्धि हासिल हुई।
इस जटिल ऑपरेशन की सफलता और उपलब्धि के लिए जीवन दीप समिति के कार्यकारिणी सदस्य दिलीप ठाकुर, दुष्यंत देवांगन एवं प्रशांत डोंगावकर ने पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं और अपेक्षा की हैं कि भविष्य में भी जरूरतमंद और पीड़ितो को इसी तरह सही चिकित्सा से सेवा लाभ प्राप्त हो सके।