अवसानेश्वर मंदिर में भगदड़: दो लोगों की मौत, 38 घायल, 7 की हालत नाजुक

अवसानेश्वर मंदिर में भगदड़: दो लोगों की मौत, 38 घायल, 7 की हालत नाजुक

बाराबंकी  सावन के तीसरे सोमवार को भगवान शिव के दर्शन को उमड़ी भीड़ के बीच अवसानेश्वर मंदिर में रविवार देर रात एक बड़ा हादसा हो गया। मंदिर के बाहर गैलरी में लगे लोहे के पोल में करंट उतरने से भगदड़ मच गई, जिसमें दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 38 लोग घायल हो गए। सात की हालत गंभीर बताई जा रही है।

आधी रात को शुरू हुई थी भारी भीड़
रविवार रात 12 बजे से ही गोमती नदी में स्नान के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर की ओर बढ़ने लगी थी। रात 1:30 बजे जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, 'बम बम भोले' के जयकारों के बीच भारी भीड़ दर्शन के लिए आगे बढ़ने लगी।

2 बजे करंट से मची भगदड़
करीब 2 बजे, मंदिर के बाहर गैलरी में लगे टिन शेड के पोल में अचानक करंट आ गया। बिजली का झटका लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए भागने लगे और भीड़ के दबाव में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।

दो की मौत, सात गंभीर
इस हादसे में प्रशांत (22) निवासी मुबारकपुर और एक अन्य युवक की मौत हो गई। घायलों को तुरंत सीएचसी हैदरगढ़ और त्रिवेदीगंज पहुंचाया गया। सात घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है जिन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। बाकी 29 श्रद्धालुओं का इलाज चल रहा है।

राहत और बचाव में जुटा प्रशासन
हादसे की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मेला स्थल और अस्पतालों का निरीक्षण किया। घटना के बाद कुछ समय तक दर्शन व्यवस्था ठप रही और श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल छा गया।

लापरवाही की चर्चा, जांच की मांग
स्थानीय लोगों ने बताया कि देर रात वेल्डिंग का कार्य किया जा रहा था और आशंका जताई जा रही है कि शेड के ऊपर से गुजर रही बिजली लाइन टच होने से यह हादसा हुआ। मामले की जांच की मांग की जा रही है।

पुष्पवर्षा कार्यक्रम को लेकर पहले से थी सतर्कता
गौरतलब है कि सावन के मौके पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की तैयारी को लेकर प्रशासन पहले से अलर्ट था। इसी वजह से अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की मौजूदगी रही, जिससे घायलों को तुरंत इलाज मिल पाया।

बाराबंकी का यह हादसा एक बार फिर धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधों की पोल खोलता है। पुलिस व प्रशासन ने हालात को काबू में लाया, लेकिन सवाल ये उठता है कि ऐसी लापरवाहियों की जिम्मेदारी कौन लेगा?