संतोषी नगर में मारपीट और धमकी का मामला, FIR दर्ज
रायपुर। संतोषी नगर के पास गौसिया मस्जिद के समीप शुक्रवार रात को मारपीट और धमकी की घटना सामने आई। घटना के अनुसार, रात करीब 01:00 बजे सुभाष स्टेडियम मोतीबाग में मौजूद एक व्यक्ति को अपने छोटे भाई अब्दुल समीम से फोन आया कि उसके साथ मारपीट हो रही है। इसके तुरंत बाद वह व्यक्ति गौसिया मस्जिद के पास स्थित गुडडु किराना स्टोर के समीप पहुंचा और देखा कि उसके भाई अब्दुल समीम के साथ फाजिल एवं उसके साथी मारपीट कर रहे थे। घटना के दौरान घायल व्यक्ति और उनकी
पत्नी तबस्सुम परवीन बीच-बचाव करने लगे। इस पर फाजिल और उसके दो साथियों ने दोनों पर हाथ-मुक्का और कैंची से हमला कर दिया। मारपीट से घायल व्यक्ति को सिर में चोट आई, जबकि उनकी पत्नी के दाहिने हाथ में चोट लगी। स्थानीय लोगों और राहगीरों रजिया रिजवी, अफरोज बेगम, और अब्दुल शाहिद ने स्थिति देखी और बीच-बचाव करने की कोशिश की। हालांकि, हमलावरों ने बीच-बचाव करने वाले पर भी गंदी गालियां दीं और जान से मारने की धमकी दी।
घटना की रिपोर्ट संतोषी नगर निवासी घायल व्यक्ति ने पुलिस में दर्ज कराई। रिपोर्ट में बताया गया कि हमलावरों ने न केवल मारपीट की बल्कि परिवार को डराने-धमकाने का प्रयास भी किया। घायल व्यक्ति ने पुलिस से मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है ताकि आरोपी को कड़ी सजा दी जा सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। स्थानीय पुलिस ने बताया कि घटना स्थल का निरीक्षण किया गया है और घायल व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने आसपास के CCTV फुटेज की भी मांग की है ताकि हमलावरों की पहचान और गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके। घटना ने स्थानीय लोगों में भी डर और चिंता उत्पन्न कर दी है। नागरिकों का कहना है कि ऐसे मामले न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को प्रभावित करते हैं।
बल्कि आसपास के इलाके में कानून व्यवस्था पर भी असर डालते हैं। प्रशासन ने कहा कि हिंसा और धमकी के मामलों में सख्ती बरती जाएगी और आरोपी को कानून के अनुसार दंडित किया जाएगा। स्थानीय पुलिस ने सभी प्रत्यक्षदर्शियों से बयान लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही घायल व्यक्तियों का मेडिकल परीक्षण भी कराया जा रहा है ताकि चोटों की गंभीरता का पता लगाया जा सके। पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और जल्द ही आरोपी के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने का भरोसा दिया है। यह घटना रायपुर में परिवारिक और व्यक्तिगत विवादों में हिंसा की बढ़ती घटनाओं की याद दिलाती है। नागरिकों और प्रशासन दोनों के लिए यह आवश्यक है कि ऐसे मामलों में तत्काल पुलिस सहायता ली जाए और हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सतर्कता बरती जाए।



