भूपेश सरकार की अनियमित, दैनिक वेतनभोगी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की नीयत नही - बृजमोहन अग्रवाल
अनियमित, दैनिक वेतनभोगी, संविदा में कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण का मामला विधानसभा में 3 साल में 1 बैठक, 3 साल में विधि विभाग, महाधिवक्ता से अभिमत नही ले पाई
भाजपा विद्यालय एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण का मामला विधानसभा में उठाते हुए मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या जन घोषणा पत्र 2016 में प्रदेश के अनियमित/संविदा/ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को रिक्त पदों पर नियमितीकरण की कार्यवाही का उल्लेख है? यदि हां तो अब तक क्या क्या कार्यवाही की गई है? कितने कर्मचारियों को नियमित किया गया है? श्रेणीवार बतावें? क्या कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए कोई कमेटी बनाई है? यह कमेटी कब बनी? कमेटी में कौन-कौन सदस्य है? कमेटी को कब रिपोर्ट अनुशंसा देनी थी कब दी? प्रदेश के अनियमित/संविदा / दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को कब तक नियमित कर दिया जायेगा?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित उत्तर में बताया कि जन घोषणा पत्र में नियमितीकरण का वादा किया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-1/2019/1-3, दिनांक 11.12.2019 द्वारा प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है।
समिति द्वारा की गई अनुशंसा अनुसार विभागों तथा उनके अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय/ निगम/ मंडल आयोग/संस्था आदि में पूर्व से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गई है।
नियमितीकरण के संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधि एवं विधायी कार्य विभाग से भी अभिमत प्राप्त किया जा रहा है। विधि विभाग द्वारा उक्त के संबंध में महाधिवक्ता का अभिमत चाहा गया है। विधि विभाग के टीप दिनांक 28.05.2019 में लेख किया गया है कि महाधिवक्ता का अभिमत प्राप्त होने पर सामान्य प्रशासन विभाग को प्रेषित किया जायेगा, जो अपेक्षित है।
दिनांक 1 जनवरी 2019 से 30 जून 2022 तक उत्तीसगढ़ शासन के प्रथम श्रेणी द्वितीय श्रेणी, तृतीय श्रेणी व चतुर्थ श्रेणी के पदों पर अनियमित/संविदा/दैनिक वेतनभोगी 25 कर्मचारियों को नियमितीकरण किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश क्रमांक एफ 12-1/2019/1-3, दिनांक 11.12.2019 द्वारा प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में निम्रानुसार समिति गठित की गई है। प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग सचिव वित्त विभागसदस्य सदस्य-सचिव सदस्य, सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग सदस्य सदस्य। समिति को यथाशीघ्र अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को कब तक नियमित किया जायेगा, समय-सीमा बताया जाना संभव नहीं है।
अग्रवाल ने अपने बयान में कहा की एक तरफ सरकार लिखित में कह रही है कि विधि विभाग से महाधिवक्ता से अभिमत मांगा गया है पर दूसरे तरफ विधि विभाग व महाधिवक्ता के अभिमत बिना 25 कर्मचारियों को नियमित कैसे व किन नियमो के तहत किया गया है।
अग्रवाल ने बयान में कहा कि सरकार कैसे चल रही है इस बात से देखा जा सकता है कि ये सरकार 3 साल में कर्मचारियों के महत्वपूर्ण मामले पर विधि विभाग से अभिमत नही ले पाई है। समिति की रिपोर्ट नही ले पाई है।