दिग्विजय के फॉर्म भरने पर बोले सीएम बघेल, आप की तरह मेरे मन में भी है कौतूहल
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महंगाई, बेरोजगारी को लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया है. अध्यक्ष चुनाव के लिए दिग्विजय सिंह द्वारा फॉर्म भरने पर बघेल ने कहा कि "आप की तरह मेरे मन में भी कौतूहल है, कौन-कौन फॉर्म भरते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल केरल और हिमाचल प्रदेश दौरे से वापस रायपुर लौटे. इस दौरान मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोगों में जबरदस्त भीड़ भारत यात्रा को देखने को मिल रही है. हिमाचल प्रदेश में बड़ी रैली हुई. वहां मुख्य रूप से मुद्दा महंगाई बेरोजगारी, अग्निवीर का है. 5 साल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने जो वादे किए थे, वह भी पूरा नहीं किया. लोगों में बहुत नाराजगी है
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा सबसे योग्य व्यक्ति बताए जाने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''धरमलाल कौशिक जिस पद में थे, वह पद भी नहीं बचा पाए. बृजमोहन अग्रवाल पिछले 20 सालों से लगे हुए हैं नंबर 1 में जाने के लिए लेकिन आज तक पहुंच नहीं पाए. उनकी सलाह के लिए उनको धन्यवाद. मैंने पहले भी कहा इस मामले में बहुत जूनियर हूं. बहुत सारे वरिष्ठ नेता हैं, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं."
भाजपा नेता सीएम भूपेश बघेल की लोकप्रियता पर स्वीकार किया,लोकप्रियता से कहीं घबराहट तो नहीं है इसलिए दिल्ली जाने की बात कह रहे हैं, उस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ''मतलब 2023 के चुनाव की हार को स्वीकार कर लिया. मैं उनको धन्यवाद देता हूं. स्वीकार तो किया उन्होंने हार को.''
राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के लिए दिग्विजय सिंह द्वारा फॉर्म भरने पर बघेल ने कहा ''कल नामांकन का आखरी दिन है. देखिए कितने लोग भरते हैं. जो आपके मन में कौतूहल है, वहीं मेरे मन में भी है. कौन कौन फॉर्म भरते हैं. कौन-कौन नाम वापस लेते हैं. यह भी देखना होगा. चुनाव हमारे पार्टी में हो रहा है. यह लोकतंत्र का परिचायक है. भारतीय जनता पार्टी में पता नहीं चला. नड्डा कब दोबारा अध्यक्ष बन गए. हसदेव की कटाई पर सीएम ने कहा कि ''मैंने पहले जो बयान दिया था, उस पर कायम हूं. ''
संघ की तुलना त्रेता युग के भगवान राम और कृष्ण से करने पर भूपेश ने कहा "भगवान राम ने तो सबको गले लगाया, चाहे केवट, जटायु , सबरी, वानर उन्होंने सबको गले लगाया और रावण का वध हो गया. तब अपने अनुज को ज्ञान लेने के लिए लक्ष्मण को रावण के पास भेजा. इस चरित्र में है क्या इन लोग? इन लोग ने राम में जो करुणा, दया ,प्रेम है उसको तो स्वीकार नहीं किया. कृष्ण जो है सत्य के लिए लड़ाई लड़ी. धर्म के लिए लड़ाई लड़ी. उन्होंने उसके लिए सब कुछ झोंक दिया. गीता जैसे उपदेश दिया. यह लोग किस रास्ते पर हैं. यह लोग किस को गले लगाए हैं. यह तो नफरत फैला रहे हैं. अंतर यही है कि भाजपा आरएसएस माधव जी में, माधव जी के घर में अखंड भारत का नक्शा है. हिंदू मुसलमान में नफरत फैलाते हैं. पाकिस्तान भेज देना चाहिए, भारतीय जनता पार्टी नेताओं का बयान बार-बार आता है. पाकिस्तान भेज देना चाहिए और उसको अखंड भारत में मिला देना चाहिए. यह कौन सी राजनीति है. कौन सी सामाजिक नीति है या तो पहले ही स्पष्ट करें."
इस देश में विविधता है. यही हमारी ताकत है. इस देश में हजारों हजारों साल से जातियां यहां आई. हिंदुस्तान में जो सामाजिक ताना-बाना है, ऐसा यंत्र है जो सब को पचा लेता है. सबको अपने में समाहित कर लेता है. दुनिया में अनेक जातियां उभरी, देश बने लेकिन वह ऊंचाई में भी पहुंचे लेकिन आज उसका अस्तित्व समाप्त हो गया. हिंदुस्तान का अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ क्योंकि उसमें पचाने की क्षमता है.सब को स्वीकार करने की क्षमता, ताकत है.
विवेकानंद ने शिकागो में ठीक कहा था "दुनिया भर के सताए, धर्म के लोगों को पनाह दिया मैं उस देश से आता हूं. कितनी बड़ी बात है. आज बोलते हैं पाकिस्तान भेज दो. इसके दिलों में नफरत है. नफरत से दिलों को नहीं जीता जा सकता. दो बार हो गया केंद्र में सरकार बनते हैं लेकिन पूरे देश में आपकी स्वीकारता नहीं है. बीजेपी कहती है दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी, लेकिन साउथ में आपकी स्थिति क्या है, नार्थ ईस्ट में क्या है. तोड़ तोड़ कर सरकार बनाते हैं.
आदिवासी नृत्य महोत्सव: आदिवासी नृत्य महोत्सव पर सीएम ने कहा कि विधायक और संसदीय सचिव निमंत्रण देने अलग-अलग प्रदेश जाएंगे. अन्य देशों के दूतावास में निमंत्रण भेज रहे हैं. मुख्य सचिव ने इसको लेकर बैठक भी ली है. पिछले साल 6 देशों के लोग बाहर से आए थे. इस बार कोशिश रहेगा और ज्यादा लोग आए.
दुर्ग जिले में हुई हत्या की घटना पर सीएम ने कहा कि जो भी अपराधी है वह पकड़ा जाएगा. जो घटना घटी है उनसे इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन जो अपराधी है उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
राज्यपाल के कर्मचारियों की कमी वाले बयान पर सीएम ने कहा कर्मचारियों की कमी के कारण मनी बिल को रोके हैं ऐसा है क्या?