साथी MLA को भी बुलावा, क्या दिल्ली में ही बनेगी छत्तीसगढ़ सरकार
छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा थी कि शुक्रवार शाम को ही दिल्ली गए विधायकों की वापसी हो जाएगी. लेकिन यकायक छत्तीसगढ़ समेत दिल्ली की फिजा ही बदल गई. अचानक दिल्ली गए विधायकों के लौटने के बदले और भी विधायकों के दिल्ली जाने की चर्चा आम हो गई. 10 और विधायकों के शुक्रवार देर शाम दिल्ली जाने की चर्चा है जबकि शनिवार सुबह भी दर्जनों विधायक दिल्ली की दौड़ लगाएंगे. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या छत्तीसगढ़ की सरकार दिल्ली में ही बैठकर बना ली जाएगी?
बृहस्पति सिंह के साथ 15 अन्य विधायक भी बुधवार रात दिल्ली पहुंचे थे, जिसके बाद एक बार फिर से छत्तीसगढ़ का सियासी पारा चढ़ गया था. बृहस्पति सिंह खुलकर भूपेश बघेल के समर्थन में बोले और उन्होंने बताया कि उनके दिल्ली आने का उद्देश्य राहुल गांधी के दौरे से संबंधित है. राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के दौरे पर जाने वाले हैं और सभी विधायक चाहते हैं कि वह अपने कार्यक्रम को और विस्तृत कर कुछ अन्य जिलों को भी सूची में शामिल करें. हालांकि यह बात दीगर है कि बृहस्पति समेत अन्य विधायकों का कांग्रेस के किसी भी शीर्ष नेता से दिल्ली में मुलाकात नहीं हो सकी. वे सभी आज शाम छत्तीसगढ़ लौट आएंगे.
विधायकों को दिल्ली में ही रुकने को कहा गया
दिल्ली दौरे पर गए विधायकों के आज शाम छत्तीसगढ़ वापसी की खबरों पर विराम लग गया है. कांग्रेस विधायकों की दिल्ली से वापसी स्थगित हो गई है. विधायकों को दिल्ली में रुकने के लिए कहा गया है. अब दिल्ली से विधायकों के लौटने के बजाय आज रात को 10 और विधायकों की दिल्ली रवानगी होगी. जबकि कल सुबह भी कुछ और विधायक दिल्ली जाएंगे. अभी दिल्ली में करीब 25 विधायक मौजूद हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार में तनातनी और टीएस सिंहदेव की नाराजगी की खबरों पर विधायक बृहस्पति सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि राज्य में कांग्रेस सरकार के बारे में जो भी अटकलें लगाई जा रही हैं, वह सब बीजेपी की रची साजिश है. बीजेपी, कांग्रेस से जुड़े दो राजाओं को गुमराह करने में कामयाब हो गई, लेकिन तीसरे को कांग्रेस से नहीं तोड़ पाएगी. बृहस्पति सिंह ने बाकायदा ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैप्टन अमरिंदर सिंह का नाम लेते हुए दो राजाओं का उदाहरण दिया. जबकि तीसरे राजा के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव हैं, जो इन दिनों पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं.
सिंहदेव ने स्पष्ट नहीं किया कि तनातनी का कैसा है माहौल
बहरहाल, भूपेश समर्थक विधायक बृहस्पति सिंह भले ही कांग्रेस में सब ठीक-ठाक बता रहे हों, लेकिन अब तक स्वयं टीएस सिंहदेव ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि अंदरखाने मुख्यमंत्री के पद को लेकर कोई तनातनी का माहौल नहीं है. उन्होंने यह जरूर कहा है कि वह कांग्रेस पार्टी कभी नहीं छोड़ेंगे. कपिल सिब्बल के बयान और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं में असंतोष पर कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने कहा कि ये नेता उस समय से कांग्रेस का हिस्सा है, जब इन्होंने इंदिरा गया गांधी और उनके बाद राजीव गांधी के साथ भी काम किया है. उम्मीद है कि सब एकजुट होकर भाजपा को परास्त करने का काम करेंगे.
इधर, छत्तीसगढ़ में बन रहे तमाम राजनीतिक समीकरणों के बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने बयान में कहा था कि टीम का खिलाड़ी एक न एक दिन कप्तान तो बनना चाहता ही है. इसमें क्या बुराई है. वहीं उन्होंने हालिया दिये अपने एक बयान में कहा था कि बिटिया की शादी में थोड़ा धैर्य तो रखना ही पड़ता है. लेकिन सबकुछ समय पर, समय से और सटीक हो ही जाता है. इस बयान से उन्होंने यह तो साफ कर दिया था कि वे धैर्य धारण किये हुए हैं. अब देखना यह है कि विधायकों का यह दिल्ली आखिरकार क्या रंग लाता है.