तेज धूप और गर्मी में हड़ताल पर बैठे अतिथि व्याख्याता प्रशासन कब सुनेगा इनकी
आज रायपुर छत्तीसगढ़ में अतिथि व्याख्याताओं ने अपनी तीन मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया या प्रदर्शन बूढ़ा तालाब के पास किया गया अतिथि व्याख्याता शासन से मिल रही आश्वासन से अब त्रस्त हो चुके हैं उन्हें सरकार से अपनी मांग पूरी करवाने के लिए लगता है कि अब आमरण अनशन उनका अंतिम शस्त्र होगा माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी जन समस्याओं को सुनने पूरे छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं परंतु उनके पास अतिथि व्याख्याताओं से ना तो मिलने का समय है नहीं उनकी बात सुनने का अतिथि व्याख्याता कई सालों से कॉलेज में शिक्षा देते आ रहे हैं और उनकी आर्थिक स्थिति काफी देनी है उनकी हालत मजदूरों से भी बदतर है उनकी तीन प्रमुख मांगे पहला जो अतिथि व्याख्याता अभी नियुक्ति से प्रभावित हैं उनको पुनः नियुक्ति देकर एक निश्चित वेतनमान के साथ 65 वर्ष की आयु तक नौकरी को सुरक्षित रखा जाए अन्य प्रदेशों में यह मांग सुनी जा रही है पर छत्तीसगढ़ में अतिथि व्याख्याताओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है
अतिथि व्याख्याता जिसकी उम्र कॉलेज में पढ़ाते हुए अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को देने की गुजर चुकी है उनको अचानक नियुक्ति से हटाने पर उसके सामने जीवन यापन की समस्या सामने आ खड़ी हुई है और सबसे बड़ी विडंबना यहां है की उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल जो छत्तीसगढ़ के लोगों को रोजगार देने के लिए इनकी नियुक्ति हुई है वह खुद अपने उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याताओं को बेरोजगार कर सड़क पर ला दिया है एक तरफ मुख्यमंत्री जी ने सरकार बनते समय आश्वासन दिया था की सभी अमित कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा परंतु आज 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी शासन इस बात पर चुप्पी साधे हुए है i सभी अतिथि व्याख्याताओं की जो मांगे हैं उस पर माननीय मुख्यमंत्री जी को जरूर ध्यान देना चाहिए राजीव गांधी योजना के तहत सभी के साथ एक उचित न्याय होना चाहिए ताकि कोई भी अतिथि व्याख्याता बेरोजगार ना हो तथा एक निश्चित वेतनमान के साथ 65 वर्ष की उम्र तक अपने जॉब पर सुनिश्चित होकर अपना कार्य कर सकें