यारों दोस्ती बड़ी ही हसीन है
मोना चन्द्राकर #Monalisa★ रायपुर छत्तीसगढ़
जाने कब मिलेंगे हम दोस्त पुराने
किसी शाम चाय के बहाने
भूल गये बीते हुए अफसाने
अभी तो हैं हम दोनों अनजाने
रेडियो पर सुनें गाने पुराने
याद आ गये फिर दोस्ती के जमाने
वो धुंधली यादें रखें थे सिरहाने
कैमरे से ली हुई फोटो जैसे खजाने
परवाह के महीन धागों से बनते है रिश्ते
दुनिया की भीड़ में से एक को हम है चुनते
वो सारी दुनिया से अलग और जुदा होता है
सच्ची दोस्ती में दोस्त ही हमारा खुदा होता है
चाहे सारी दुनिया हमें कभी भी ना समझ पाए
दोस्त हमेशा बिना बोले मन का हाल जान जाए
एक बार जो दोस्ती कर ली तो उमर भर निभाते हैं
सच्चा दोस्त हर खुशी और ग़म में साथ देते हैं