गीत गाते चलो
डॉ मीता अग्रवाल मधुर रायपुर छग
गीत गाते चलो रवानी है।
बोलते नैन की कहानी है।।
तान जब छेड़ दो सजल नैना।
काँपते होंठ की जुबानी है।।
साँझ सिन्दूर लालिमा बिखरी
चाँदनी चाँद की दिवानी है।।
दूर आकाश में उडे़ पंछी
नापते पंथ को जवानी हैं।।
देख लो भाल पर तनिक चिंता
बुद्धि बल सोच से मिटानी है।।
सोचती हार को लिखुं कैसे।
सीख दे जीत को सुहानी है।।
साथ दे हाथ जो मधुर लिखना।
जय विजय साथ दे भवानी है ।।