इलाज में लापरवाही के चलते आदिवासी बालक की मौत, इस डॉक्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार
मुंगेली। इलाज में लापरवाही के चलते एक 7 वर्षीय आदिवासी बालक की मौत हो गई। यह अस्पताल बिना लाइसेंस के संचालित हो रहा था। कुछ माह पहले ही प्रशासन ने इस जगह पर संचालित अस्पताल को सील करते हुए एक फर्जी डॉक्टर को जेल दाखिल किया गया था, लेकिन मकान मालिक ने फिर से एक अस्पताल को किराये पर दे दिया था। बच्चे की मौत के बाद कार्रवाई दौरान डॉक्टर द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही दुर्व्यवहार किया गया। डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है.जानकारी के अनुसार मुंगेली जिले के लोरमी इलाके में बुध केयर हॉस्पिटल रखकर संचालित किया जा रहा था, जहां 1 नवंबर को मस्तिष्क ज्वर झटके से पीड़ित बांधी गांव के आदिवासी समाज के 7 वर्षीय बालक धनंजय पिता ओंकार की मौत गलत इलाज करने से हुई थी। अस्पताल बिना लाइसेंस के चल रहा था। लोरमी एसडीएम अजीत पुजारी एसडीओपी माधुरी धिरही, जिला नोडल डॉ. खैरवार, बीएमओ डॉ. जीएस दाऊ सहित पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुध केयर अस्पताल में छापेमारी की. स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील किया. वहीं डॉक्टर गोकुल कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है। आरोप है कि बिना अनुमति के अवैध तरीके से आईसीयू में तीन मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा रहा था. इसके अलावा बिना लाइसेंस के अवैध तरीके से नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन करते हुए अस्पताल का संचालन खुलेआम किया जा रहा था, जिस पर जांच के बाद अस्पताल को सील करने सहित फर्जी अस्पताल के डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में लिया है.लोरमी एसडीओपी माधुरी धिरही ने बताया कि बुध केयर हॉस्पिटल की जांच के समय डॉक्टर ने अधिकारियों से बदसलूकी की. जांच में बाधा डालने वाले डॉक्टर के खिलाफ कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि जिस मकान पर अवैध रूप से निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा था जिसे कुछ माह पहले ही मकान मालिक मीना देवी पति महेश नामदेव के आवेदन पर शर्त अनुसार पुराने घटना में हुए सील को खोला गया था. इसमें मकान मालिक ने किसी को अस्पताल चलाने उस भवन को नहीं देने का जिक्र भी किया था. बावजूद इसके जिला प्रशासन को झूठा आवेदन देकर अनुमति ले लेने के बाद उनके द्वारा उसी मकान को किराए में देकर अस्पताल का संचालन कराया जा रहा था. गौरतलब हो कि बांधी गांव के रहने वाले 7 वर्षीय धनंजय को एक नवंबर 2024 को बुखार आने पर उनके पिता ओंकार ध्रुव ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोरमी में भर्ती कराया था. प्राथमिक उपचार के बाद रात्रि साढ़े 11 बजे मरीज को जिला अस्पताल मुंगेली रेफर किया गया. इस दौरान मौके पर शासकीय अस्पताल के सामने एंबुलेंस एवं दलाल किस्म के लोगों द्वारा परिजनों को बहकावे में लेकर बुध केयर निजी अस्पताल उपचार के लिए भर्ती करा दिया गया था, जहां चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं होने के कारण वार्ड व नर्स ने गलत उपचार किया. इससे मरीज की हालत और बिगड़ गई. देर रात तक अस्पताल प्रबंधक द्वारा मरीज को सही इलाज नहीं मिलने के कारण बच्चे की मौत हो गई.