थमने का नाम नहीं ले रही हिंसा, इस राज्य के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद
मणिपुर । कुकी समुदाय की ओर से 20 नवंबर को चुराचांदपुर में कॉफिन रैली का आयोजन किया जाएगा। मणिपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने मुख्यमंत्री और राज्यपाल के खिलाफ प्रदर्शन किया। भाजपा के समर्थन से नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने हाथ खींच लिए हैं। सरकार पर संकट के बादल गहराते जा रहे हैं। 19 भाजपा विधायकों ने प्रधानमंत्री कार्यालय को मुख्यमंत्री को हटाने की मांग करते हुए चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा, पहाड़ी इलाकों से गोलीबारी के कारण किसान खेतों में जाने से डर रहे हैं। हिंसा की घटनाओं ने मणिपुर को दो हिस्सों में बांट दिया है।दूसरी ओर मणिपुर में 16 नवंबर से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। राज्य के 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। सोमवार (19 नवंबर) की रात जारी आदेश के मुताबिक, इंफाल पश्चिम और पूर्व जिलों में कर्फ्यू अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है। स्कूल-कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों को भी 20 नवंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। इस बीच, सुरक्षाबलों की तैनाती और गश्त तेज कर दी गई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और राज्यपाल के आवास की सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। राज्य में तनाव बढ़ता जा रहा है। इंटरनेट बैन और कर्फ्यू ने बढ़ाई मुश्किलें इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध ने मणिपुर में आम जनता की परेशानी बढ़ा दी है।गृह मंत्रालय ने सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) की 50 अतिरिक्त कंपनियां तैनात करने का फैसला किया है। इसके अलावा, 8 और 11 नवंबर को हुई घटनाओं की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है। जिरिबाम जिले में हुई मुठभेड़ों और अपहरण की घटनाओं ने राज्य की स्थिति और बिगाड़ दी है। कुकी-मैतेई के बीच बढ़ता जा रहा संघर्ष 11 नवंबर को जिरिबाम में सुरक्षाबलों और कुकी उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। उग्रवादियों ने 6 मैतेई लोगों को अगवा किया था, जिनमें तीन महिलाएं और तीन बच्चे शामिल थे। इन लोगों के शव धीरे-धीरे बरामद हो रहे हैं। इस घटना ने राज्य में प्रदर्शन और विरोध को और बढ़ावा दिया है। जिरिबाम में हुई एक अन्य घटना में पुलिस की गोली से एक मैतेई प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जिससे स्थिति और खराब हो गई है।