रायपुर में फिर लगेगा दिव्य दरबार पूज्य बागेश्वरधाम सरकार का पावन सन्देश

रायपुर में फिर लगेगा दिव्य दरबार पूज्य बागेश्वरधाम सरकार का पावन सन्देश

रायपुर स्थित मारुति मंगल भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी ने विभिन्न सामाजिक, धार्मिक व आध्यात्मिक विषयों पर अपने विचार साझा किया। 
पं. शास्त्री जी ने शिक्षा और संस्कृति के विषय पर कहा कि हर भारतवासीयों को प्रतिदिन 3 घंटे रामचरितमानस और भगवद्गीता का ट्यूशन लेना चाहिए। इससे बच्चों की संस्कृति और संस्कारों का निर्माण होगा। राज्य सरकारें अगर हिंदुत्व की पक्षधर हैं, तो उन्हें ऐसे पाठ्यक्रमों पर कार्य करना चाहिए।
आगे उन्होने गौ माता की सुरक्षा पर राज्य सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के हर तहसील में 5,000 गौधाम बनाए जाएं। गायों को स्वतंत्रता व समुचित सुविधा मिले न कि केवल गोठान। गायों की सुरक्षा हमारी संस्कृति और धर्म की रक्षा से जुड़ी है।
साथ ही भक्ति और विनम्रता का संदेश देते हुए बताया कि भक्ति को कोई नियंत्रित नहीं कर सकता, यह हृदय का विषय है। तेज बारिश के बावजूद पंडाल में हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे यही सच्ची श्रद्धा है। हनुमान जी का प्रसंग सिखाता है कि विनम्रता ही सबसे बड़ा सामर्थ्य है।
शास्त्री जी ने स्वास्थ्य सेवा की योजना पर कहा कि बागेश्वरधाम में कैंसर हॉस्पिटल का कार्य जारी है। पूर्ण होने के बाद छत्तीसगढ़ में नए अस्पताल की संभावना पर विचार होगा। 
उन्होने भूत-प्रेत और शोध कार्य विषय में अपनी विचार व्यक्त करते हुए बताया कि हाल ही में 8 देशों की यात्रा कर दुष्ट शक्तियों के निवारण पर कार्य किया गया। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने पैरा नॉर्मल विषय पर सेप्टर शुरू किया है। भारत में इस विषय पर शोध और पीएचडी की तैयारी है।
इसी कड़ी में घर वापसी का आह्वान करते हुए जो धर्मांतरित हो चुके लोगो से आह्वान किया कि वे 5 से 8 अक्टूबर के बीच बागेश्वरधाम आकर अपने मूल धर्म में लौट सकते हैं।
मीडिया के साथियों द्वारा कथा और पदयात्रा के विचार पर सवाल पे उन्होने कहा कि जशपुर और बस्तर में कथा या पदयात्रा की योजना है, लेकिन अनुमति की प्रतीक्षा है। उन्होंने स्पष्ट कहा मैं एक बार कहता हूं, बार-बार रिक्वेस्ट करना मेरी आदत नहीं है।
बता दें कि कल (7 अक्टूबर) को दोपहर 12ः00 से 2ः00 बजे तक पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपना दिव्य दरबार लगायेगें जहां छत्तीसगढ़वासियों के पर्चे खुलेंगे साथ ही सायं 3ः30 से 6ः30 बजे तक पावन कथा का बखान करेंगे एवं दिनंाक 7 से 16 नवंबर के बीच पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी रायपुर कथा के लिए फिर से पधारेंगे।