नक्सल आंदोलन को बड़ा झटका : शीर्ष नेता सोनू दादा ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा से नक्सल मोर्चे पर बड़ी खबर सामने आई है। नक्सलियों के शीर्ष नेता और पोलित ब्यूरो सदस्य सोनू दादा उर्फ मल्लोजुला वेणुगोपाल राव ने मंगलवार को गढ़चिरौली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सोनू दादा के साथ 60 माओवादी कार्यकर्ताओं ने भी हथियार डाल दिए। बताया गया है कि सभी नक्सली अपने साथ करीब 50 हथियार लेकर आत्मसमर्पण करने पहुंचे थे।
शांतिवार्ता की पहल के बाद सरेंडर
करीब एक महीने पहले सोनू दादा ने छत्तीसगढ़ सरकार को शांतिवार्ता का प्रस्ताव भेजा था, जिसमें उन्होंने सशस्त्र संघर्ष छोड़कर लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन जारी रखने की बात कही थी। हालांकि संगठन के अन्य नेताओं ने इसे उनका निजी मत बताया था। इसके बाद से उनके आत्मसमर्पण की अटकलें तेज थीं, जो अब सच साबित हुईं।
भाकपा (माओवादी) को बड़ा झटका
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि सोनू दादा का आत्मसमर्पण भाकपा (माओवादी) के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है। यह आत्मसमर्पण सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे निरंतर अभियानों और “नियद नेल्ला नार” नीति का परिणाम है।
बीजापुर में नया ताड़पाला बेस कैंप
इधर, नक्सल प्रभावित दक्षिण बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ के पास पुलिस ने नया ताड़पाला सुरक्षा बेस कैंप स्थापित किया है। यह बेस कैंप नक्सलियों की गतिविधियों पर नियंत्रण, एरिया डॉमिनेशन और ऑपरेशन लॉन्चिंग पॉइंट के रूप में कार्य करेगा।
अब तक जिले में 38 कैंप स्थापित, 599 नक्सली आत्मसमर्पण, 196 ढेर, और 973 गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता की हत्या की
इधर बीजापुर के उसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों ने भाजपा कार्यकर्ता पूनेम सत्यम की हत्या कर दी। हत्या के बाद नक्सलियों ने मौके पर पर्चे फेंकते हुए आरोप लगाया कि मृतक पुलिस का मुखबिर था।
नक्सलियों की बौखलाहट बढ़ी
विशेषज्ञों के अनुसार, पुलिस दबाव और संगठन के बिखराव से नक्सली बौखला गए हैं। ग्रामीणों से सहयोग न मिलने पर अब वे आम लोगों, जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं।
कुल मिलाकर, एक ओर नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उनकी बौखलाहट नए हिंसक हमलों के रूप में सामने आ रही है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की पुलिस अब इस पूरे घटनाक्रम को संगठन के पतन की दिशा में निर्णायक मोड़ मान रही है।