बिना आधार लिंक किये S I R की प्रक्रिया बेमानी है- भूपेन्द्र चंद्राकर, प्रदेश सचिव,आम आदमी पार्टी छ ग

बिना आधार लिंक किये S I R की प्रक्रिया बेमानी है- भूपेन्द्र चंद्राकर, प्रदेश सचिव,आम आदमी पार्टी छ ग

 भारत निर्वाचन आयोग द्वारा पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया चालू किया गया है जिसके तहत छत्तीसगढ़ में भी यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू हो चुका है,विगत दिनों जिला निर्वाचनअधिकारी(कलेक्टर)द्वारा सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियो की मीटिंग लेकर SIR की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया गया मीटिंग के दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव भूपेन्द्र चन्द्राकर ने सवाल किया कि क्या ? इस प्रक्रिया के तहत आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र के साथ जोड़ा जाएगा,जिस पर कलेक्टर महोदय ने जवाब दिया कि ऐसा कोई आदेश निर्वाचन आयोग के द्वारा नही दिया गया है जिस पर आम आदमी पार्टी ने अपनी आपत्ति दर्ज कराया है जिसे जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मतदाता परिचय पत्र को आधार से लिंक नही किए जाने पर किए गए आपत्ति को निर्वाचन आयोग तक पहुचाने की बात कही है चन्द्राकर ने आगे कहा मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण कराना अच्छी बात है और यह स्वागतेय है इससे सही मतदाता की पहचान होगी परन्तु इसमे झोल नजर आ रहा है मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नही करने से एक आदमी अभी भी कई स्थानों में अपना नाम जुड़ा सकता है और वोट डाल सकता है तो फिर आयोग को इतनी बड़ी कवायद करने का क्या मतलब है,आज जब हर चीज को आधार से जोड़ा रहा है जैसे कि बैंक अकाउंट,पेन कार्ड, जमीन,राशन कार्ड, गैस कार्ड,पासपोर्ट आदि को इसलिए आधार से जोड़ा जा रहा है ताकि व्यक्ति की पहचान हो सके,बाकी सब चीजों का फर्जी कार्ड बन सकता है परंतु आधार का नही क्योकि यह बायोमेट्रिक है, इसमे आदमी के उंगलियों और और आँखों को स्कैन किया जाता है जिसका कापी नही किया जा सकता,जब सरकार अपने सभी महती योजनाओं में इसे पहचान के लिए विशिष्ट महत्व दे रही है तो फिर देश का मतदाता तो वह व्यक्ति है जो देश में सरकार चुनती है और वह सरकार पूरा देश चलाता है तो फिर उस मतदाता को उसके पहचान के लिए आधार से लिंक क्यो नही किया जा रहा है यह समझ से परे है,आज मतदाता परिचय पत्र को आधार से लिंक करते तो पूरे देश में फर्जी वोट डलना बंद हो जाता,एक व्यक्ति का नाम देश के अलग अलग राज्यों, जिलो,गांवों में नही हो पाएगा,आज इसी मुद्दे को विपक्ष लगातार उठाते आ रही परन्तु निर्वाचन आयोग और केन्द्र सरकार के नियत में स्पष्ट रूप से खोट नजर आ रही हैं, बिना आधार लिंक किए SIR की प्रक्रिया बेमानी है।