सूर्यकुमार यादव की धुआंधार पारी से इंग्लैंड की आंखे चौंधिया गई थी।
भारत में आईपीएल चल रहा है जो दिनों दिन एक नए रोमांच से भर आगे बड़ रहा है। इस आईपीएल एक खिलाड़ी रन बनाने के लिए बहुत संघर्ष कर रहा वो है सूर्य कुमार यादव पिछले कुछ मैचों में शून्य पर आउट हो कर लोग शून्य कुमार यादव की संज्ञा देकर चिड़ा रहे ट्रोल कर रहे । आज आपको सूर्य कुमार यादव की ऐसी पारी के बारे में बताउंगा जिस पारी में गेंदबाज थर्रा गए थे।
भारतीय क्रिकेट टीम अपने होम ग्राउंड्स में तो ढेरो अंतर्राष्ट्रीय मैचेस जीतती है। सीरीज को क्लीन स्वीप भी कर देती है ।लेकिन सबसे बड़ी चुनौती होती है, विदेशी मैदान से सीरीज जीत के आना तथा सीरीज को क्लीन स्वीप भी कर देना ।भारत और इंग्लैंड का क्रिकेट मैच हमेशा से रोमांचक होता है। जन्हा क्रिकेट में दो देशों के बीच जंग देखने को मिलती है, हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिलता है। इंग्लैंड को हारते देखना हर भारतीय के लिए सुखद अहसास होता है।और दिल को गर्व से भर देता है,इसकी मुख्य वजह है की जिसने क्रिकेट को पैदा किया पाला ,पोसा नियम बनाए आज हम उन्ही को उसी की खेल में धूल चटा रहे दूसरी वजह की जिसने 1857 के क्रांति में भारत के क्रांतिकारीयों को हराकर एक सदी तक हुकूमत करने वालों को भारतीय टीम से हारते देखने में बड़ा ही आनंद मिलता है। जिस तरह लगान फिल्म में दिखाई गई थी कैसे इस फिल्म का नायक भुवन और उसकी टीम मिलकर इंग्लैंड की टीम को हरा देते हैं। कुछ इसी प्रकार का नजारा भारत का इंगलैंड दौरे के T20 सीरीज मैच में देखने को मिला।
भारत की इंग्लैंड दौरे का यह तीसरा मैच, इंग्लैंड को क्लीन स्वीप करने का स्वर्णिम मौका, लेकिन सामने था 215 रनो का पहाड़ जैसा लक्ष्य।जिसे बनाना आसान नहीं था। भारतीय टीम तीन मैचों की शृंखला में दो मैच जीत चुकी थी । तीसरा मैच जीतना एक चुनौती भरा काम बन गया था। सलामी बल्लेबाज कप्तान रोहित शर्मा और ऋषभ पंत इकाई और दहाई का ही आंकड़ा छू पाए थे। किंग कोहली भी महज 11 रन बना कर पवेलियन लौट चुके थे । नाटिंघम स्टेडियम के मैदान में भारतीय खेमा में सन्नाटा छा गया था मातम जैसा माहौल देखने को मिल रहा था। अपने सबसे होनहार और भरोसेमंद खिलाड़ियों के इस तरह आऊट होने के बाद निश्चित ही भारतीय टीम में दबाव का दस्तक देना लाज़मी था। रोहित शर्मा के आउट होने के बाद चौथे नंबर पर बैटिंग करने के लिए सूर्यकुमार यादव मैदान पर उतरते हैं। उनका उत्साह, क्यूट सी स्माइल और चिंगम चबाकर नजरों से ही दर्शकों को दिलासा देना की "चिंता मत करो मैं अभी क्रिज पर हूं "ऐसा वाला एटीट्यूड देखने को मिल रहा था। और सच मानिए इस दिन सूर्य कुमार यादव ने अपनी इसी एटीट्यूड की तरह ऐसी आतिशी शतकीय पारी खेल डाली मानो लग रहा था की सूर्या की बल्ले बाजी तेज के कारण इंग्लैंड के गेंदबाजों की आंखे चौंधियाने लगी थी। दबाव वाली स्थिती में बेहतर प्रदर्शन कोई साधारण करनामा नही है। जब सूर्य कुमार क्रिज पर उतरे एक अलग ही अंदाज में नजर आ रहे थे मैच की परिस्थिति उन पर हावी नहीं हो रही थी ।वो शुरू से ही आक्रमक स्वभाव से गेम चला थे थे ।रोहित शर्मा के आउट हो जाने के पश्चात जब श्रेयस अय्यर क्रीज पर आए तो दोनो में एक शानदार तालमेल देखने को मिल रहा था सिंगल डबल रन चुराने में दोनो बहुत तत्परता दिखा रहे थे। अच्छी गेंदों को सम्मान दे कर खेलना तथा खराब गेंदों को जगह बना कर सीमा रेखा के बाहर पहुंचाने का काम दोनो खिलाड़ी बड़ी ही बखुबी से कर रहे थे । लेकिन टोपले की सोलहवे ओवर की पहली एक बाउंसर गेंद जिसे श्रेयस अय्यर गलत तरह से छेड़ कर विकेट कीपर और इंगलैंड के कप्तान जोस बटलर के हाथों अपना कैच देकर अपना विकेट गंवा बैठे। सूर्या नॉन स्ट्राइक प्वाइंट पर खड़े श्रेयस की इस नादानी भरी हरकत से बेहद नाराज नजर आ रहे थे । खैर श्रेयस अय्यर भी 26 रन का योगदान देकर पवेलियन की राह हो लिए। लेकिन इन दोनो के बीच एक जबरदस्त सजेदारी बनी दोनो ने मिलकर टीम को 150 रन तक ले गए जिसमे सबसे ज्यादा योगदान सूर्य कुमार यादव का था। सूर्या ने रोहित के आउट होते ही अपनी आक्रामकता को थोड़ा कम कर दिया और एक संतुलन खेल का उदाहरण पेश किया उस दिन दर्शक एक अलग ही सूर्य कुमार को देख रहे थे जिसमे आक्रमकता भी थी और परिस्थिति अनुसार संतुलन भी था।और इसी तरह श्रेयस और सूर्या की बल्लेबाजी जुगलबंदी के बीच सूर्या ने महज़ 32 गेंदों में अपना अर्धशतक भी पूरा कर लिया। सभी साथी खिलाड़ी उनके अर्धशतक के लिए खड़े होकर अभिवादन दे रहे थे।
लेकिन सूर्य कुमार यादव के चेहरे पर वो खुशी नजर नहीं आ रही थी जैसे बाकी खिलाड़ी अपने पचासा होने के बाद लगाते हैं लेकिन वो गजब की ऊर्जा और उत्साह नजर आ रही थी बार बार श्रेयस से बाते करते जा रहे थे ऑन फील्ड बल्ले बाजी रणनीति बनाई जा रही थी। जैसे ही स्काई का पचासा पूरा हुआ उसका एकदम से गेयर ही बदल गया वो फूल एक्सीलेटर से टीम के रन को एक्सीलरेट करते जा रहे थे । स्टेडियम में भारतीय दर्शकों के साथ साथ इंग्लिश दर्शक भी सूर्या के बल्ले बाजी का लुफ्त उठा रहे थे ।भारतीय खेमा जोश में आ चुकी थी सूर्य के हर एक शॉट पर तालियां और अभिवादन की गूंज सुनाई दे रही थी । सभी कह रहे थे सूर्या.... सूर्या... सूर्या । जीतेगा भई जीतेगा अपना भारत जीतेगा , दस रूपए की पेप्सी श्रेयस अय्यर सेक्सी इस तरह के अजीबो गरीब नारो से स्टेडियम में एक जोश का माहौल बन रहा था भारतीय खेमा का वातावरण सकारात्मक हो रहा था। इसी बीच श्रेयस अय्यर के विकेट का पतन हो गया। जोश में डूबे भारतीय दर्शक फिर सहम उठे। सभी के मन में फिर से निराशा घर कर गई।लेकिन सूर्या अपनी धुआधार बल्लेबाजी से अय्यर के विकेट के गम को दर्शकों के मन से चंद मिनटों में भुलवा दिए।और इस तरह दर्शकों की निराशा दूर की। श्रेयस अय्यर की विकेट का बदला लेते हुए इंग्लैंड के बॉलेबाजों की एैसी क्लास लगाई मानो अय्यर का विकेट लेकर उन्होंने बहुत बड़ा पाप कर दिया हो। सूर्या का साथ देने क्रीज पर दिनेश कार्तिक आए।वो भी सूर्या के दर्शक बनकर ही रह गए । अय्यर के जानें के बाद सूर्या बहुत ही ज्यादा आक्रमक हो गए और सिर्फ 46 गेंदों में 93 रन ,47 गेंद में 97 रन ,अपने शतक के लिए महज तीन रन दूर सूर्या इंगलैंड गेंदबाजों की पिटाई जारी ही रखे थे और सिर्फ 49 गेंद में 102 बनाकर अपना शतक भी पूरा कर लिया। दिनेश कार्तिक आए लेकिन कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए ।जिस तरह की प्रसिद्धि उनको हासिल है और आईपीएल में जिस तरह का खेल दिखाया थ की आखिरी ओवरों में लंबे लंबे शॉट मारने की वो कला कार्तिक के इस मैच में नजर नहीं आया। और महज छः रन की मामूली सा योगदान देकर डेविड विली के गेंद से पगबाधा आउट हो गए।
इस दौरान भारतीय टीम 166 रन बनाकर 4 विकेट भी खो चुकी थी और सिर्फ 19 बाल ही बचे थे।यानी अभी भी जीत के लिए भारत को 50 रनो की आवश्यकता थी।जैसे जैसे विकेट जाता भारत की मुश्किलें बढ़ती जाती मगर एक छोर पर सूर्या चट्टान की भांति निडरता से जम गए थे।लोगो को भरोसा था जब तक सूर्या क्रिज पर रहेंगे भारत हारने वाला नही है। दिनेश कार्तिक के आउट होने के बाद बांए हाथ के बल्ले बाज रवींद्र जडेजा बैटिंग करने मैदान पर उतरे और आते ही एक जबरदस्त प्रहार कर गेंद सीमा रेखा के बाहर किया। दर्शको में नया जोश उमड़ उठा।लेकिन जल्द ही यह जोश ठंडा भी हो गया जडेजा भी एंड्रियू टाई के गेंद से पगबाधा आउट हो गए। अब पूरी जिम्मेदारी सूर्या पर आ चुकी थी क्योंकि सभी नियमित बल्लेबाज आउट हो चुके थे इसके बाद सिर्फ गेंदबाज़ ही बचे थे ।11 बाल में 36 रन बनाना था और गेंदबाजी के लिए आए स्पिनर liam livingstone इनकी दूसरी ही गेंद पर सूर्या ने जबरदस्त छक्का कवर की दिशा में दे मारा अब जीत के लिए 10 गेंद में 30 रन चाहिए थी । सूर्य कुमार 113 रन पर पहुंच चुके थे। मैच रोमांचक मोड़ की ओर करवट ले रहा था। फिर मोइन अली 19 वा ओवर लेकर आए और उनकी दूसरी ही गेंद पर प्वाइंट पर कमाल का चौका मारा जो एक दम गैप खोजती बड़ी ही तेजी से सीमा रेखा से बाहर सूर्या को चौका देते हुऐ चली गई। अब आठ गेंदों में 24-26 रन ही बनाना था जो की आसान काम नही था। मोइन अली की चौथी गेंद जिसे सूर्य ऑफ के कवर साइड मारने की कोशिश कर रहे थे लेकिन यह कोशिश नाकाम हो गई और कर पर खड़े इंगलैंड के फिल्डर के हाथो कैच थमा कर अपना विकेट गंवा बैठे।और इस तरह एक शानदार शतकीय पारी का अंत हो गया। सिर्फ सूर्या पर टिकी जीत की उम्मीद सूर्या के आउट होते ही अस्त हो गया।और अंततः भारतीय टीम यह मैच गंवा बैठी और क्लीन स्वीप करने का सपना सिर्फ सपना बनकर ही रह गया। शतकीय पारी के दौरान कोई भी कोना नही छूटा होगा जन्हा पर सूर्या ने शॉट ना मारा हो लेग स्क्वायर हो या ऑफ स्क्वेयर हो,लेग कवर ड्राइव हो या ऑफ कवर ड्राइव हो । स्ट्रेट ड्राइव हो या स्कूप करके पीछे शॉट मरना हर तरह का शॉट हर दिशा में सूर्या के बल्ले ने रन उगले थे। भले ही भारत ने मैच नहीं जीता हो लेकिन इस दबाव भरी परिस्थिति में असाधारण प्रदर्शन कर सूर्या ने पूरे देश का दिल जीत लिया।