पूर्व रमन सरकार की कमीशनखोरी भ्रष्टाचार का प्रमाण है जर्जर सड़क पूर्व पीडब्ल्यूड़ी मंत्री राजेश मूणत बताये सड़क की लाइफ जब 10 से 15 वर्ष तय होती है फिर साढ़े तीन साल में सड़के क्यो हुई खराब?
भाजपा प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री एवं भाजपा प्रवक्ता राजेश मूणत के बयान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत को प्रदेश की जनता को बताना चाहिए कि 10 से 15 साल तक चलने वाली सड़क आखिर साढ़े तीन साल में ही खराब क्यों हो गई? पूर्व रमन सरकार का मूल काम कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करना था।विकास कार्यों के नाम से आमजनता की गाढ़ी कमाई को लुटना था। रमन भाजपा सरकार के दौरान जितने भी निर्माण कार्य हुए हैं सब की गुणवत्ता खराब पाई गई है एक्सप्रेसवे जिसकी उद्घाटन के पहले ही सड़कें दरक गई और फ्लाईओवर धसकने लगा। प्रदेश में जहां भी अंडरब्रिज बनाया गया है सभी की क्वालिटी खराब है डिजाइन खराब है सभी जगह बारिश का पानी जमा हो जाता है और आम जनता को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। नदीयो पर बनाई गई बांध की भी हालत खराब है। स्कूलों,अस्पताल की बिल्डिंग एवं अन्य सरकारी भवन में पानी टपक रहा हैं। ऐसी गुणवत्ताहीन निर्माण रमन भाजपा शासनकाल के दौरान हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार रमन शासनकाल के दौरान हुए घटिया एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्यों का सुधार करवा रही है पुल पुलिया की मरम्मत करवा रही है स्कूल और सरकारी बिल्डरों को सुधारा जा रहा है ऐसे में भाजपा यह कहना कि राज्य की सड़कें खराब हो गई है तो इसके लिए पूर्व की रमन भाजपा शासनकाल की कमीशन खोरी भ्रष्टाचार ही जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार गलत काम करने वालों एवं गैर जिम्मेदार अधिकारियों उस पर कार्यवाही करती है
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार के दौरान प्रदेश ने देखा है कैसे वियतनाम के पुल को छत्तीसगढ़ के तेल नदी का पुल बताकर भारी भ्रष्टाचार किया गया था? रमन सरकार के दौरान सड़क का टेंडर होने से पहले ठेकादार और कमीशन तय होता था कमीशन तय होने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग उस निर्माण कार्य को देखने नहीं जाता था। क्योंकि टेंडर लेने वाला रमन सरकार का सहयोगी होता था सड़क में डामर की मात्रा कम कर जला हुआ ऑयल को मिलाकर सड़क का निर्माण कार्य पूरा होता था। 15 सालो तक भ्रष्टाचार के उद्देश्य से एक ही सड़क को हर दो-दो साल में बनाया गया था। जनता की गाढ़ी कमाई के पैसो का कुछ तो जवाबदारी होनी चाहिये। राजेश मूणत पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे और उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार करके ऐसी सड़के बनाई जिसमें डामर से ज्यादा भ्रष्टाचार की कालिख थी।