फ्लिपकार्ट के वेयरहाउस से मैनेजर और कर्मचारियों ने की 45 लाख रुपए के इलेक्ट्रानिक सामानों की चोरी, 5 गिरफ्तार, मैनेजर सहित 3 फरार
भिलाई। मेशो और फ्लिपकार्ड आॅनलाइन रिसेल के माध्यम से आर्डर किये महंगे सामानों जैसे मोबाइल, डिजिटल वॉच, डिजिटल कैमरा, महंगे लैपटॉप एवं अन्य प्रकार के सामानों की गई फर्जी डिलीवरी दर्शाकर धमधा स्थित फ्लिपकार्ट के वेयर हाउस से 45 लाख रुपए की इलेक्ट्रानिक चोरी के मामले में पुलिस ने अपराध दर्ज होने के 72 घंट के भीतर 95 फीसदी सामान जब्त करते हुए 5 लोगों दीपक साहू पिता गोविन्द साहू उम्र 33 वर्ष निवासी ग्राम टप्पा, शीतलापारा थाना चिचोला राजनांदगांव, मनीष कुमार दास पिता एमसन दास उम्र 34 वर्ष निवासी ग्राम तुमड़ीबोर रामनगर मोहल्ला राजनांदगांव, कुमारी मोनिका मौर्य पिता गोपाल दास मौर्य उम्र 19 साल निवासी खैरागढ़ पाण्डुका, हाल पता पुराना बस स्टेण्ड के पास राजनांदगांव, विकास साहू पिता तिलक राम साहू उम्र 25 वर्ष निवासी ग्राम सिनोधा माता कर्मा वार्ड नंबर-12 थाना तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर तथा अंकित परगनिहा पिता अजय परगनिहा उम्र 35 वर्ष निवासी नेहरू नगर वेस्ट भिलाई को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। वहीं इस मामले में वेयरहाउस का मैनेजर जामुल निवासी अमर मंडल, कोहका भिलाई निवासी अरविन्द वर्मा तथा खुर्सीपार भिलाई निवासी लोकेश साहू फरार है।फ्लिपकार्ट कोरियर कंपनी के वेंडर पवन यादव की शिकायत पर धाना धमधा में अपराध दर्ज कर जांच में ली गइ्र थी।
जानकारी के अनुसार अमर और अरविंद ने एक महीने पहले इस वेयरहाउस में काम इसी मंशा से शुरू किया था कि यहां गबन करेंगे। दीपक, मनीष, मोनिका और लोकेश को भी पूरे प्लान में शामिल किया गया था। 6 लोगों ने स्वयं और अपने दोस्त, परिवार को मिलाकर 50 से ज्यादा अकाउंट से 120 महंगे मोबाइल और लैपटॉप कैश आॅन डिलीवरी आॅर्डर करवाए। अमर ने अपने दोस्त राहुल का आधार कार्ड इस्तेमाल कर उसकी जानकारी के बिना उसको वेयरहाउस का डिलीवरी बॉय बनाया। राहुल के नाम से सारा समान लेकर 21 के रात को ये लोग मोनिका केंघट गए और सब सामान का टेक्निकल डिलीवरी स्कैन किया। ये लोग छोटे स्तर पर ऐसा फेक आॅर्डर और फेक डिलीवरी करके मार्केट में मोबाइल दुकानों में थोड़ा महंगा बेचकर हमेशा दो चार हजार कमाते थे। ऐसा ही एक रेगुलर खरीददार नेहरू नगर का अंकित था जो अक्सर कालाबाजारी का मोबाइल अमर से खरीदता था। उसने इस बार 8 मोबाइल खरीदा था और आगे बेचा था। लगभग 80 मोबाइल को इन लोगों ने तिल्दा के पास लोकेश के फूफा के घर पर ठिकाने लगाया था। पुलिस ने जब्त किया। मोनिका नाम की लड़की शुरू से षड़यंत्र में शामिल थी जिसके घर में सारा समान का डिलीवरी स्कैन हुआ था। इसके पास से दो लैपटॉप और 3 मोबाइल जब्त की गई है।
थाना धमधा क्षेत्र अंतर्गत फ्लिपकार्ट टीम लीडर अपने एक पुराने दोस्त अरविन्द के साथ मिलकर एक महिना पहले ही फ्लिपकार्ट हब स्थापित किया था। वे दोनों पहले भी उक्त प्रकार की कंपनी के साथ डिलीवरी ब्वॉय का काम कर चुके थे, जिससे माल के आर्डर से डिलीवरी और इनके बीच होने वाली सभी प्रक्रियाओं की जानकारी इन्हें हो गई थी। इसके कारण कम समय में ही ज्यादा पैसा कमाने की सोचकर इन दोनों के द्वारा धमधा में फ्लिपकार्ट हब स्थापित किये। अपने काम को अंजाम देने के लिए इनके द्वारा अपने पुराने परिचित कवर्धा में मेशो कवर्धा ब्रांच का आॅनर दीपक साहू और मनीष दास से मिले और एक योजना बनाए कि धमधा क्षेत्र के विभिन्न लोगों के पतों पर महंगे-महंगे विभिन्न प्रकार के सामान आॅनलाईन करेंगे। इसके बाद सभी सामान जब धमधा स्थित इनके हब में आ जाएंगी तब सभी माल लेकर किसी सुरक्षित स्थान में ले जाकर सभी सामानों की आॅनलाईन डिलीवरी कर देंगे और जिसे विभिन्न दुकानों में बेचकर नगदी कमाई कर लिया जायेगा। योजनानुसार आरोपियों अमर मंडल, अरविन्द वर्मा, दीपक साहू, मनीष दास मिलकर अपने एवं अपने अन्य परिचितों के माध्यम से विभिन्न मोबाईल नंबरों का उपयोग कर विभिन्न पतों पर आॅनलाईन सामान सहूलियत के अनुसार एक ही स्थान धमधा हब में ही आर्डर किये बाद जब सभी सामान के आर्डर से आने पर दीपक साहू के अर्टिका कार से सभी सामानों को लेकर राजनांदगांव की ओर रवाना हो गये। जहां अरविन्द के पूर्व परिचित लड़की मोनिका मौर्य से एक मकान मुहैया कराने बोला गया जिसके द्वारा बेलगांव में एक कमरा उन आरोपीयों को मोनिका द्वारा मुहैया कराया गया। मोनिका को भी वे लोग अपने साथ हिस्सेदारी में रखे और उसे उन्हीं सामानों में से अरविन्द द्वारा कुछ सामान मोबाइल, लैपटॉप दिये, मोनिका को भी पूरी योजना के बारे में बताये, बेलगांव में ही आरोपीयों द्वारा मिलकर पूर्व में अमर मंडल के साथ काम किये आर वेंकटेश उर्फ राहुल निवासी सेक्टर-2 के पूर्व में बने फ्लिपकार्ट आईडी का उपयोग कर सभी सामानों की फर्जी तरीके से आॅनलाईन डिलीवरी कर दी गई। इसके बाद इन लोगों के द्वारा सामानों को विभिन्न दुकानों में बेचने महिला आरोपी को वहीं बेलगांव में छोड़ वापस दुर्ग आये जहां से किसी को शक न हो पाये कवर्धा के मेशो के आॅनर दीपक साहू और उसके साथी मनीष दास, अमर और अरविन्द से अलग हो गये, दीपक साहू अपनी कार आर्टिका से मनीष दास के साथ कवर्धा चले गये। अमर और अरविन्द भिलाई निवासी अपने एक अन्य दोस्त लोकेश को अपने साथ लिये और पूरी योजना के बारे में बताकर सामानों को विभिन्न दुकानों में खपाने की बात जिसमें उसकी भी हिस्सेदारी होने बताने से लोकेश भी योजना में शामिल हो गया और सभी गाड़ियां बदल-बदलकर एक जगह से दूसरे जगह जाने लगे। उक्त आरोपियों में से अमर मंडल एवं नेहरू नगर निवासी अंकित का विगत लगभग आठ वर्षों से आॅनलाईन प्राप्त मोबाईल का फर्जी तरीके लेनदेन करने का गोरखधंधा चल रहा था जिसके ही अनुक्रम में अमर मंडल द्वारा ठगी के सामानों में से आठ नग महंगे-महंगे मोबाईल अंकित को देकर जिसे विभिन्न मोबाईल दुकानों एवं ग्राहकों को देकर अंकित द्वारा अवैध धन प्राप्त करने के मकसद में अग्रसर हुआ था। इसी दौरान घटना की सूचना फ्लिपकार्ट कोरियर कंपनी के वेंडर पवन यादव को मिलने पर थाना धमधा में प्रथम सूचना दर्ज कराया था।
सूचना मिलने से पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए सूचना वरिष्ठ अधिकारियों पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव को देकर उनके तथा अति0पु0 अधीक्षक(ग्रामीण) अनंत साहू द्वारा दिये मार्गनिर्देशन एवं अनुविभागीय अधिकारी धमधा प्रभात कुमार(आईपीएस) द्वारा सभी तकनीकि पहलुओं को ध्यान में रखकर दुर्ग एसीसीयू टीम तथा थाना जामुल, थाना छावनी की टीम तैयार कर निर्देशित करते हुए आरोपियों के मोबाईल नंबरों का कॉल डिटेल रिकॉर्ड, टॉवर डम्प, आॅनलाईन आर्डर किये सामानों की हिस्ट्रीलिस्ट तथा आरोपीयों द्वारा उपयोग किये गाड़ियों को उनके मालिकों से सम्पर्क कर गाड़ियों में लगे जीपीएस टेÑकर का बारीकि से अध्ययन कर अपराधियों तक अपनी पहुंच बनाई तथा अलग-अलग स्थानों में दबिश दी गई, जिसमें जीपीएस टेज्कर के माध्यम से के अवलोकन विश्लेषण से मालूम चला कि गाड़ी नांदघाट से आगे दौडेंगा गांव में रूकी थी एक्टिव मुखबिरों से पता चला कि दौडेंगा लोकेश का फुफा गांव है जहां टीम द्वारा जाकर पता करने से ज्ञात हुआ कि लोकेष और उसके साथी अमर, अरविन्द द्वारा ठगी का सामान वहां यह कहकर कि उसके दोस्त मोबाईल शॉप खोलने वाले हैं उसका सामान है कुछ किराया दुकान ढंूढकर ले जाएंगे छोड़ दिये और वहां से फरार हो गये। लोकेश अपने तिल्दा सिनोधा निवासी विकास के घर जाकर उसे प्रकरण की पूरी जानकारी देकर पैसे में हिस्सेदारी होना बताकर अपनी योजना में शामिल कर लिया और उसे भी ठगी के दो मोबाईल देकर उसमें से एक स्वयं रख लेने और दूसरा किसी मोबाईल दुकान में बेचकर पैसा प्राप्त कर लेना बताया साथ ही अपराध में प्रयुक्त टवेरा गाड़ी को भिलाई छोड़ देना बोलकर खरोरा से रवाना कर दिया गया, खरोरा में ही अपराध का सबूत छिपाने अरविन्द फ्लिपकार्ट की सफेद बोरियों को जिसमें कंपनी के रैपर निकाल कर रखे थे को जलाकर नष्ट कर दिया। बाद वहां से एक नई गाड़ी अर्टिका कार किराया कर दो बैग में ठगी के मोबाईल लेकर आरंग की तरफ भाग गए, इस प्रकार प्रकरण में संलिप्त पांच आरोपीयों को हिरासत में लिया गया जिनमें एक महिला आरोपी भी शामिल थी, जिनसे पूछताछ में अपराध करना स्वीकार किया गया, पूरी कार्रवाई में अब तक लगभग 95 फीसदी माल बरामद किया जा चुका है कुछ अन्य माल बरामद होना शेष है जो अन्य आरोपीयों की पतासाजी लगातार किया जाकर उनकी गिरफ्तारी किया जाकर बरामद किया जाता है। आरोपीयों दीपक साहू, मनीष कुमार दास, मोनिका मौर्य, विकास साहू तथा अंकित को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
इस कार्रवाई में अनुविभागीय अधिकारी धमधा प्रभात कुमार(आईपीएस), एसीसीयू टीम इंचार्ज दुर्ग निरीक्षक संतोष मिश्रा, थाना प्रभारी धमधा निरीक्षक सोमेश सिंह, उनि यशवंत जंघेल, सउनि संतुराम ठाकुर, सउनि छुनकु राम, प्र0आर0 रमेश सिंह, निषाल वालदे, विमल साहू, विजेन्द्र धु्रव, अरूण चैहान, गोवर्धन चैहान, प्रशांत साहू, आरती यादव, एसीसीयू निरीक्षक अर्जुन लाल पटेल, निरीक्षक दुर्गेष कुमार वर्मा, सउनि राजेश पाण्डे, चन्द्रशेखर बन्जीर, कपिल यादव, अभय राय, प्रदीप, तिलेश्वर, शोभित, नरेन्द्र, धीरेन्द्र, नरेन्द्र सहारे थाना जामुल से अमित सिंह, रत्नेश शुक्ला, सेमुअल थाना छावनी से विवेक पोद्दार, थाना अर्जुन्दा भूपत दास, जागृति ठाकुर रायपुर क्राईम जशवंत सोनी, आशीष राजपूत की भूमिका सराहनीय रही।