भारत ने रचा इतिहास, 3-0 से फाइनल जीत पहली बार जीता प्रतिष्ठित थॉमस कप बैडमिंटन खिताब
लक्ष्य सेन की बढ़त के बाद और श्रीकांत के तीसरे गेम से पहले कारवां को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के ऊपर थी और इन्होंने भी भारतीय फैंस को बिल्कुल भी निराश नहीं किया.
भारत खेल इतिहास में बहुत ही बड़ा कारनामा करते और इतिहास रचते हुए रविवार को बैंकॉक में खेले गए प्रतिष्ठत बैडमिंटन थॉमस कप का खिताब पहली बार अपनी झोली में डाल लिया. भारत ने फाइनल में प्रतियोगिता के 14 बार के चैंपियन इंडोनेशिया को सीधे मुकाबलों में 3-0 से मात देते हुए इस खिताब पर कब्जा किया. किदांबी श्रीकांत ने तीसरा गेम जीतने के बाद ही भारत वह उपलब्धि दिला दी, जो अपने आप में किसी ओलिंपिक स्वर्ण पदक या विश्व कप जीतने से कम नहीं है. करोड़ों भारतीय खेलप्रेमियों की नजरें इस दिन पर लगी थीं. करोड़ों फैंस परिणाम को लेकर उत्सुक और चिंतित थे, लेकिन फाइनल में खेले तीनों मुकाबलों में भारत ने सभी को गलत साबित करते हुए पहली बार चैंपियन बनने का गौरव हासिल कर लिया.
लक्ष्य सेन की बढ़त के बाद और श्रीकांत के तीसरे गेम से पहले कारवां को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी डबल्स में सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के ऊपर थी और इन्होंने भी भारतीय फैंस को बिल्कुल भी निराश नहीं किया. हालांकि, ये दोनों मोहम्मद एहसान और केविन संजय के खिलाफ शुरुआती संघर्षमयी गेम में 18-21 से जरूर हारे, लेकिन यहां से इनके खेल का स्तर नीचे आने के बजाय ऊपर की ओर ही गया. और अगले दो गेमों में भारतीय जोड़ी ने 23-21 और 21-19 से आखिरी दोनों गेम जीतकर भारत की बढ़ 2-0 करने के साथ ही खिताब जिताने का जिम्मा किदांबी श्रीकांत के कंधों पर डाल दिया, जिसे उन्होंने बहुत ही शिद्दतत के साथ सच साबित कर दिखाया.