भारत से सटी सीमा में हवाई हमले बढ़ा रही म्यांमार सेना, घरों-स्कूलों व उपासना स्थलों पर हमले
म्यांमार की सेना सत्ता पर कब्जा करने के दो वर्ष बाद सशस्त्र प्रतिरोध का दमन करने की कोशिशों के तहत हवाई हमले बढ़ा रही है। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक समूह ने मंगलवार को बताया कि म्यांमार सेना द्वारा हवाई हमलों में हुई वृद्धि ने देश को एक लंबे गृह युद्ध में झोंक दिया है।
बैंकॉक(एजेंसी)। म्यांमार की सेना सत्ता पर कब्जा करने के दो वर्ष बाद सशस्त्र प्रतिरोध का दमन करने की कोशिशों के तहत हवाई हमले बढ़ा रही है। मानवाधिकारों की निगरानी करने वाले एक समूह ने मंगलवार को बताया कि म्यांमार सेना द्वारा हवाई हमलों में हुई वृद्धि ने देश को एक लंबे गृह युद्ध में झोंक दिया है। हमलों के दौरान एक बम तिआऊ नदी पर गिरा जो भारत से सटी सीमा में है लेकिन इससे बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।
भारतीय सीमा में बम गिरने की खबर सबसे पहले स्थानीय लोगों के हवाले से ब्रिटिश अखबार द गार्डियन ने प्रकाशित की थी। बताया गया कि भारत-म्यांमार सीमा पर तिआऊ नदी पर गिरे हम से एक ट्रक को हल्की क्षति पहुंची थी। भारत के साथ मिजोरम की 1,624 किलोमीटर लंबी सीमा है। उधर, मंगलवार को गैर सरकारी संगठन म्यांमार विटनेस और अन्य विशेषज्ञों ने बताया कि म्यांमार की सेना अपने सहयोगी देशों रूस और चीन द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले लड़ाकू विमानों और युद्धक हेलीकॉप्टर पर निर्भर है। संगठन ने पिछले साल जुलाई से मध्य दिसंबर तक किए गए 135 हवाई हमले की घटनाओं से जुड़ी जानकारियों का संकलन किया है, जिसमें कहा गया है कि सितंबर से हवाई हमलों की संख्या में वृद्धि होने की प्रवृत्ति दर्ज की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार की सेना प्रतिरोध वाले इलाकों पर कब्जा कायम रखने में संघर्ष कर रही है, ऐसे में हवाई हमले उनके आक्रमण का एक मुख्य हिस्सा बन गए हैं। इसमें कहा गया है कि सेना म्यांमार के लोगों को एक खतरनाक स्थिति में डाल रही है। वह मकानों, स्कूलों और उपासना स्थलों को नष्ट कर रही है, जबकि ये स्थान नागरिकों के लिए सुरक्षित माने जाते हैं। भूमिगत संगठन ह्यनेशनल यूनिटी गवनर्मेंटह्ण के मुताबिक, हवाई हमलों में 460 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं।
तख्तापलट के बाद हजारों की मौत
मानवाधिकार निगरानी समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक, देश में सैन्य तख्तापलट के बाद 2,901 नागरिक मारे गए हैं। हालांकि, मृतकों की संख्या काफी अधिक होने की संभावना है क्योंकि संगठन दूरदराज के क्षेत्रों में और युद्धग्रस्त क्षेत्रों में हताहतों की संख्या को आसानी से सत्यापित नहीं कर सका है। जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय मामलों की प्रोफेसर क्रिस्टिना फिंक ने कहा, म्यांमार की सेना रूस और चीन से लड़ाकू विमान खरीद रही है।